बनने से पहले ही खंडहर में तब्दील होने लगी सड़क, कार्रवाई नहीं

मधुपुर: बुनियादी अावश्यकताओं में एक सड़क विकास की पहली जरूरत में से एक है. सड़क के बिना विकास की कल्पना अधूरी है. क्योंकि सड़क होगी तो आवागमन का साधन होगा. आवागमन का साधन होगा तो योजनाएं लोगों तक पहुंचेगी. बिजली, पानी, शिक्षा के साधन मुहैया कराने के लिए सड़क की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्रों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 7:51 AM
मधुपुर: बुनियादी अावश्यकताओं में एक सड़क विकास की पहली जरूरत में से एक है. सड़क के बिना विकास की कल्पना अधूरी है. क्योंकि सड़क होगी तो आवागमन का साधन होगा. आवागमन का साधन होगा तो योजनाएं लोगों तक पहुंचेगी. बिजली, पानी, शिक्षा के साधन मुहैया कराने के लिए सड़क की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गई. लेकिन यह अभियान फलीभूत होता नहीं दिख रहा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रखंड के पटवाबाद से बांक तक निर्माणाधीन सड़क तीन साल में भी बन कर पूरा नहीं हो पाया है. सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर निकल आये है.

जिससे आये दिन राहगीर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. बताया जाता है कि 91.35 लाख की लागत से 3.4 किलोमीटर लंबे उक्त सडक का निर्माण कार्य स्टेसिफीक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 20 अगस्त 2013 को प्रारंभ किया था. इसका काम 20 फरवरी 2015 को होना था. लेकिन काम की गुणवत्ता और लापरवाही के कारण यह सड़क अब जानलेवा बन चुका है और यह आज भी आधा अधूरा है.

पटवाबाद , बांक, दलहा, सिंघो, जरियाटांड़ समेत दर्जनों गांव के ग्रामीणों के लोग इसी सड़क तक आवागमन करते है. कुछ माह पूर्व जिले में प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत निर्मित सड़कों में अनियमितता की जांच के लिए कमेटी बनाया गया था. कमेटी ने जांच भी किया. लेकिन आज तक न तो सड़क की गुणवता में सुधार हुआ और न ही सडक की मरम्मति कार्य पुरा हुआ है. हालांकि निर्माण कार्य पुरा होने के बाद कंपनी हो पांच साल तक सड़क का रख-रखाव भी करना है.
कहते हैं मुखिया
दलहा पंचायत के मुखिया मकबुल अंसारी ने कहा कि सडक में बडे-बडे बोल्डर निकल आये हैं. जिस कारण आये दिन राहगीर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. सड़क बना रही कंपनी पर जांच के बाद कडी कार्रवाई होना चाहिए.

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