देवघर: देवघर भूमि घोटाला में अपने पदों पर रहकर भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाने वाले बड़े अधिकारियों की संपत्तियों को खंगालने का काम सीबीआइ ने शुरु कर दिया है. भूमि घोटाले के दौरान कई अधिकारियों ने अपने पद का इस्तेमाल कर बहती गंगा में हाथ धोने का काम किया है.
सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ को भूमि घोटाले में सबसे आगे मोहनपुर अंचल के रामपुर मौजा में एक पूर्व एसडीओ की पत्नी के नाम से जमीन की रजिस्ट्री का पता चला है. बताया जाता है कि उक्त एसडीओ देवघर अनुमंडल में पदस्थापित थे व इसी दौरान अपनी पत्नी के नाम से भू-खंड खरीदा. सीबीआइ संबंधित जमीन का दस्तावेज जुटाने में लगी है.
इसके लिए रजिस्ट्री ऑफिस व मोहनपुर अंचल कार्यालय से दस्तावेज मांगी जा रही है. सीबीआइ द्वारा साक्ष्य जुटाने के लिए जमीन का डीड, एनओसी व म्यूटेशन का दस्तावेज मांगा जा रहा है. बताया जाता है कि एक बड़े भू-खंड की डील के बदले में किसी जमीन कारोबारी ने ही एसडीओ की पत्नी के नाम से गिफ्ट के तौर पर जमीन दिया है. यह जमीन लगभग 11 कठ्ठा का बताया जा रहा है.
अनुसंधान के क्रम में सीबीआइ उक्त जमीन का भौतिक सत्यापन भी कर सकती है. मालूम हो कि रामपुर मौजा में बड़े पैमाने पर जमीन घोटाला हुआ है. इसमें सर्वाधिक एलए व गोचर जमीन है. जिसका फरजी दस्तावेज तैयार कर एनओसी ली गयी व रजिस्ट्री किया गया. यह सारी जमीन सीबीआइ के जांच के दायरे में है. पिछले दिनों रामपुर में नवाल्द रैयती जमीन पर भी अवैध कब्जा का मामला सामने आया था. इसमें भी प्रशासन की जांच पूरी नहीं हो पायी थी.