लोगों की पसंद उपन्यास, कहानी व कविता की किताबें

राजकमल, ज्ञानपीठ, राही प्रकाशन व अन्य प्रकाशन के स्टॉल में भीड़ प्रतियोगिता की किताबों के लिए लगाये गये उपहार प्रकाशन के स्टॉल देवघर : देवघर पुस्तक मेले के तीसरे दिन पुस्तक प्रेमियों की भीड़ बढ़ने लगी है. शाम होते ही विभिन्न प्रकाशनों के स्टॉल में अपनी मनपसंद किताबें लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2016 8:35 AM
राजकमल, ज्ञानपीठ, राही प्रकाशन व अन्य प्रकाशन के स्टॉल में भीड़
प्रतियोगिता की किताबों के लिए लगाये गये उपहार प्रकाशन के स्टॉल
देवघर : देवघर पुस्तक मेले के तीसरे दिन पुस्तक प्रेमियों की भीड़ बढ़ने लगी है. शाम होते ही विभिन्न प्रकाशनों के स्टॉल में अपनी मनपसंद किताबें लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. मुख्य रूप से इस मेले में राजकमल प्रकाशन, ज्ञानपीठ, राही प्रकाशन सहित तकरीबन दो दर्जन से अधिक प्रकाशकों के स्टॉल लगे हैं. लोगों को इन प्रकाशकों के स्टॉल में उपन्यास, कहानी, कविता संग्रह, नाटक, पत्रकारिता की किताबें, संस्मरण, विमर्श, इतिहास, राजनीति, भाषा विज्ञान, स्वास्थ्य, पर्यावरण, विज्ञान, आलोचना सहित अन्य क्षेत्र की पुस्तकें पसंद आ रही है. पेपर बैक्स किताबें सस्ती होने के कारण लोग इसका संग्रह कर रह हैं.
नयी पुस्तकें जो चर्चित हैं : उपन्यास : अश्विनी कुमार पंकज की ‘माटी माटी अरकाटी’, इलाचंद्र जोशी की लज्जा, बलवंत सिंह की फिर सुबह होगी और कवि की प्रेयसी, मैत्रेयी पुष्पा की फरिश्ते निकले, मलय जैन की ढाक के तीन पात. कहानी संग्रह में : भीष्म साहनी की किताब ‘चीलें’, मार्कंडेय की गुलरा के बाबा, अवधेश प्रीत की चांद के पास एक चाभी, प्रियदर्शन की बारिश, घुआं और दोस्त, रवीश कुमार की इश्क में शहर होना, गिरिंद्र नाथ झा की इश्क में माटी सोना और विनीत कुमार की इश्क कोई न्यूज नहीं, कविता संग्रह में : रघुवीर सहाय की हंसो हंसो जल्दी हंसो, विमर्श संबंधी पुस्तकों में भारतेंदु हरिश्चंद्र और उन्नीसवीं सदी का बनारस : हिंदू परंपराओं का राष्ट्रीयकरण, राम पुनियानी की धर्म सत्ता और हिंसा, दिलीप मंडल की चौथा खंभा प्राइवेट लिमिटेड पुस्तकें. ये किताबें एक सौ रुपये से पांच सौ रुपये के बीच उपलब्ध हैं.
अन्य पुस्तकें : शिव पूजन सहाय की देहाती दुनिया, भीष्म साहनी की तमस, मनोहर श्याम जोशी की कुरु कुरु स्वाहा…, राजकमल चौधरी की मछली मरी हुई, काला जल, बा, आखिरी कलास, नौकर की कमीज, माई, कोई बात नहीं, एक कस्बे के नोट्स, खुलती गिरहें, रवींद्र नाथ ठाकुर की किताब: नौका डूबी, विमल मित्र की साहब बीवी गुलाम, कथा जगत की बागी मुस्लिम औरतें, केशर कस्तूरी, जिगरी, दास्तानगोई, खामोश! अदालत जारी है, पगला घोड़ा, जादू का कालीन,बधिया स्त्री, औरत होने की सजा, सच प्यार और थोड़ी सी शरारत, एडबिना और नेहरू, अध्ययन कैसे करें? आदि.

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