इतिहास सम्मत था केएन सहाय का नजरिया

देवघर: झारखंड शोध संस्थान की ओर से इतिहासघर में शिक्षाविद् केएन सहाय की सातवीं पुण्यतिथि मनायी गयी. इसमें शहर के जाने-माने बुद्धिजीवी, रचनाकार, कवि समेत गणमान्य लोग शमिल हुए. कार्यक्रम दो सत्रों में चला. इसमें विचार गोष्ठी व कवि गोष्ठी हुई. कार्यक्रम की शुरुआत में सभी ने केएन सहाय को श्रद्धांजलि दी. संस्थान के सचिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2016 8:30 AM
देवघर: झारखंड शोध संस्थान की ओर से इतिहासघर में शिक्षाविद् केएन सहाय की सातवीं पुण्यतिथि मनायी गयी. इसमें शहर के जाने-माने बुद्धिजीवी, रचनाकार, कवि समेत गणमान्य लोग शमिल हुए. कार्यक्रम दो सत्रों में चला. इसमें विचार गोष्ठी व कवि गोष्ठी हुई. कार्यक्रम की शुरुआत में सभी ने केएन सहाय को श्रद्धांजलि दी. संस्थान के सचिव उमेश कुमार ने कहा कि डा राजेंद्र प्रसाद मित्रा के बाद केएन सहाय ने देवघर के इतिहास और पुरातत्व की वस्तुनिष्ठ पड़ताल की. प्रो ताराचरण खवाड़े ने कहा कि केएन सहाय की दृष्टि कलात्मक थी और इसी कलात्मकता के बल पर देवघर के स्थापत्य का इतिहास संदर्भ टटोला. वे मूलत: एक चिंतक थे.

चेतना विकास के सचिव कुमार रंजन, कवि श्रीधर दुबे, डा शंकर माेहन झा, सुनील कुमार गुप्ता, उदय चक्रवर्ती, रीता चौरसिया, प्रसन्न कुमार चौधरी, रतन चंद्र प्रसाद, मुन्ना सिंह, पंकज सिंह भदौरिया, राजेंद्र तुरी, विशु राय, प्रमोद केशरी, रामवती देवी, सुनीता देवी, लक्ष्मेश्वर ठाकुर, रेड क्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन पवन टमकोरिया, नरेंद्र मिश्र, संतोष कुमार झा आदि ने विचार रखे. दूसरे सत्र में कवियों ने उनकी जीवनी पर आधारित कविता पाठ कर देर तक समां बाधे रखा. इस सत्र की अध्यक्षता जाने-माने कवि श्रीधर दुबे ने की. उनके मधुर गीत सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गये. को गुणगुनाने को प्रेरित किया.

वहीं प्रकाश रवि ललन ने तुम न जाने कहां खो गये… सुनाया जबकि धीरेंद्र छतहारवाला ने अंगिका में एक जमाना छैले मकान कच्चा, ईमान पक्का… गाया. इसके अलावा कवयित्री शिप्रा झा, रोशनी राज, मुरारी पांडेय, बुद्धन बौद्ध समेत कई कवियों ने विभिन्न विधाओं पर कविता पाठ किया. साथ ही देवघर सुनहरे अतीत की एक चकाचौंध पर चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.

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