श्रीश्री रविशंकर के सान्निध्य ने बदल दिया जीवन

देवघर : गुरु श्रीश्री रविशंकर के आर्ट अॉफ लिविंग की शिक्षिका सह भजन गायिका गीतांजलि राय मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए देवघर पहुंची. यहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वे अौर उनके पति किशनजी पिछले 20 वर्षों से आर्ट अॉफ लिविंग व श्रीश्री से जुड़ी हुई हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2016 8:17 AM
देवघर : गुरु श्रीश्री रविशंकर के आर्ट अॉफ लिविंग की शिक्षिका सह भजन गायिका गीतांजलि राय मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए देवघर पहुंची. यहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वे अौर उनके पति किशनजी पिछले 20 वर्षों से आर्ट अॉफ लिविंग व श्रीश्री से जुड़ी हुई हैं. वर्ष 1997 में श्रीश्री से मिलने के बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आया. उनके जीवन जीने की कला हमलोगों (मुझे व पति) को पसंद आयी. सांसारिक जीवन से इतर उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. यही वजह से गजल गायिकी के क्षेत्र में बेहतर पहचान रहने के बावजूद भजन गायिकी के क्षेत्र में कदम रखी.
अब तक 11 से ज्यादा अल्बम: गीतांजलि के अब तक 11 से ज्यादा अल्बम-कृष्णा-कृष्णा, गुरू आरती,श्रीमन नारायण के अलावा दुर्गा मां की आरती आदि बाजार में आ चुके हैं. श्रीमति राय ने बताया कि वो भजन लिखती भी हैं अौर गाती भी हैं. आस्था, संस्कृति व संस्कार चैनल पर उनके भजन प्रसारित हो रहे हैं. संस्कार चैनल में प्रत्येक शुक्रवार को दुर्गा मां की आरती चल रही है.

यू-टयूब पर 70-80 गीत हैं. जहां श्रोता उन्हें सुन सकते हैं. उन्होंने कहा कि गाना सिर्फ कागज व कलम से नहीं लिखी जाती,बल्कि रूह से इसका संबंध होता है. वे वैसी गीत लिखती हैं, जिसमें दिल को छूने वाली बात हो. बॉलीवुड घराने से ताल्लुक रखने के बावजूद अभिनय के क्षेत्र में न जाकर गीतांजलि राय ने गजल गायिकी के क्षेत्र में अपना कदम बढ़ाया. इसके लिए पंडित जसराज के बड़े भाई अौर संगीतकार जतिन-ललित के पिता पंडित प्रताप नारायण से संगीत की शिक्षा प्राप्त की. मौके पर देवघर के अमित सरावगी व आनंद साव मौजूद थे.

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