रिमांड होम में एसडीओ ने की जांच

देवघर: छात्राओं के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गयी मारपीट की जांच में डीसी के निर्देश पर एसडीओ जय ज्योति सामंता गुरुवार को संप्रेक्षण गृह पहुंचे. उनके साथ जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी मीरा कुमारी भी थी. अधिकारियों ने पहले संप्रेक्षण गृह की बच्चियों से मिल कर पूछताछ किया. उनलोगों की हर परेशानी व मिलने वाली सुविधाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2014 9:20 AM

देवघर: छात्राओं के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गयी मारपीट की जांच में डीसी के निर्देश पर एसडीओ जय ज्योति सामंता गुरुवार को संप्रेक्षण गृह पहुंचे. उनके साथ जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी मीरा कुमारी भी थी.

अधिकारियों ने पहले संप्रेक्षण गृह की बच्चियों से मिल कर पूछताछ किया. उनलोगों की हर परेशानी व मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में भी जानकारी ली.

हालांकि एसडीओ श्री सामंता ने इस संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार किया. उन्होंने यह जरूर कहा कि डीसी के निर्देश पर जांच में आये हैं, लेकिन मारपीट के बारे में उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं है. पत्रकारों से कहा कि जो भी रिपोर्ट है, उसे डीसी को सौंप देंगे. कई छात्राओं ने सुरक्षा के बारे में कहा है. ऐसे में स्वतंत्र प्रभार वाले अधीक्षक की नियुक्ति संबंधी पत्रचार करेंगे. एसडीओ ने कहा कि रिमांड होम की व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाया जायेगा. वे इसी सिलसिले में औचक निरीक्षण करने संप्रेक्षण गृह पहुंचे थे. बाल संरक्षण पदाधिकारी की मौजूदगी में एसडीओ ने संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों से भी पूछताछ की. हालांकि एसडीओ ने सुरक्षा कर्मियों से क्या पूछताछ की, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है.

क्या था मामला : मीरा कुमारी ने 13 फरवरी को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को पत्र भेजा था. इसमें संप्रेक्षण गृह की लड़कियों के साथ महिला सुरक्षा कर्मियों द्वारा मारपीट की शिकायत की बात कही गयी थी. मीरा कुमारी के अनुसार संप्रेक्षण गृह की बालिकाओं ने लिखित शिकायत की थी कि महिला पुलिस द्वारा मारपीट की गयी है. इसकी जांच में वे संप्रेक्षण गृह भी गयी थी. इस दौरान मीरा कुमारी ने जब महिला पुलिस से पूछताछ की थी तो महिला पुलिस ने भड़कते हुए कहा था कि उनके द्वारा पिटाई की गयी है. महिला पुलिस ने उल्टे जांच अधिकारी से यह भी कहा था कि आप किस अधिकार से यहां आयी हैं तथा आपको आने की अनुमति किसने दी.

इसमें जांच अधिकारी का जवाब था कि किशोर न्याय अधिनियम में डीसीपीयू को जिले में बच्चों से संबंधित हर मामले के निदान करने का अधिकार दिया है. इस जवाब में महिला पुलिस भड़क गयी तथा अभद्रता व अशिष्टता का परिचय दिया था. बाल संरक्षण पदाधिकारी ने समाज कल्याण पदाधिकारी से कार्रवाई का अनुरोध किया था. मालूम हो कि रिमांड होम की एक बच्ची ने महिला पुलिस पर बेवजह पीटने का आरोप लगाया था.

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