सोहराय के जरिये हुई संस्कृति पर चर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व एसपी ए विजयलक्ष्मी थे मुख्य अतिथि पूर्व डीआइजी सिदो हेंब्रम ने किया विधिवत उदघाटन अतिथियों ने आदिवासी समाज की परंपरा व संस्कृति की तारीफ की देवघर : एएस कॉलेज साइंस ब्लॉक कैंपस में आदिवासी छात्र संघ देवघर की ओर से नववर्ष सह आदिवासी सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2017 8:39 AM
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व एसपी ए विजयलक्ष्मी थे मुख्य अतिथि
पूर्व डीआइजी सिदो हेंब्रम ने किया विधिवत उदघाटन
अतिथियों ने आदिवासी समाज की परंपरा व संस्कृति की तारीफ की
देवघर : एएस कॉलेज साइंस ब्लॉक कैंपस में आदिवासी छात्र संघ देवघर की ओर से नववर्ष सह आदिवासी सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इसका शुभांरभ पूर्व डीआइजी सिदो हेंब्रम ने किया. मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व पुलिस अधीक्षक देवघर ए विजयालक्ष्मी थीं. इनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. मांदर व ढोल की थाप पर आदिवासी समुदाय थिरकते नजर आये. श्री मरांडी ने कहा कि संताल की पहचान भाषा, पर्व व त्योहार से है. इसे छोड़ेंगे तो किताबों तक सिमट जायेगी. इसलिए पर्व-त्योहार को पूरे श्रद्धाभाव से मनायें. आदिवासी जन्म के साथ ही तीर-धनुष से जुड़ जाते हैं.
आज देश-दुनिया बड़े-बड़े हथियार व परमाणु अस्त्र बना रहे हैं. आदिवासी समाज को भी विकास के साथ-साथ आविष्कारक बनने की जरूरत है. सिदो-कान्हू, चांद-भैरव भी आज के समय में तीर-धनुष देखेंगे तो रो पड़ेंगे. हमारे पूर्वजों को अक्षर ज्ञान नहीं था, लेकिन वो समझदार थे.
सरकार के सहयोग से सबों के लिए शिक्षा सुलभ हो, ताकि आने वाले वक्त में एक भी बच्चे पढ़ाई के लिए यहां से पलायन नहीं करें. पुलिस अधीक्षक ए विजयालक्ष्मी ने कहा कि सभी समाज कृषि से जुड़ा हुआ है. यह पर्व अलग-अलग राज्याें में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. आपलोगों को अपनी संस्कृति को बचा कर रखने की आवश्यकता है. अतिविशिष्ट अतिथि डॉ फणिभूषण यादव ने कहा कि प्रारंभिक दौर में यह पर्व गांव तक की सीमित था, लेकिन आज इसका काफी विस्तार हुआ है.
डॉ संजय कुमार ने कहा कि युवा अपनी परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए खुद को अपडेट करें.देवघर कॉलेज की प्राचार्या डॉ प्रमोदिनी हांसदा ने कहा कि अपनी परंपरा को याद रखने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन जरूरी है. मनोबल को ऊंचा रखने के लिए हमें अपनी परंपरा व संस्कृतिक को अक्षुण्ण रखना होगा. सेवानिवृत प्राचार्य डॉ नागेश्वर शर्मा ने कहा कि यहां के जंगल, जमीन व जल की बचाव के लिए सोहराय मिलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन बेहद जरूरी है. यूजीसी के पूर्व सचिव ईजे सोरेन ने भी अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुरेश हेंब्रम, सामेल बेसरा, ईश्वरी हेंब्रम, सचिन किस्कू, मनोज बेसरा, सुनील सोरेन, रमेश मुर्मू, राज कुमार मरांडी, शिव शंकर मुर्मू, सिकंदर सोरेन, अजित मुर्मू निर्मल किस्कू आदि की भूमिका सराहनीय रही. इस मौके पर संघ के अध्यक्ष शंभु कोल, सचिव नितेश टुडू, कोषाध्यक्ष निलेश मरांडी, मुख्य संयोजक केदार मुर्मू, प्रकाश मरांडी, नागाम किस्कू, निकोदोमस हेंब्रम, प्रेस प्रभारी ब्रजकिशोर मुर्मू सहित काफी संख्या में अतिथि आदि मौजूद थे.

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