नगर निगम के अभियंता गलती कर सरकार पर मढ़ रहे हैं दोष

देवघर: देवघर नगर निगम में अभियंताओं की लॉबी सक्रिय है. विकास कार्यों के नाम पर इनकी मनमानी भी चरम पर पहुंच गयी है. 14वां वित्त आयोग के फंड को मात्र नौ वार्डों में खर्च कर दिया गया है. अन्य पार्षदों के क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से काफी नाराजगी है. अभियंताओं के मनमाने रवैये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2017 8:30 AM
देवघर: देवघर नगर निगम में अभियंताओं की लॉबी सक्रिय है. विकास कार्यों के नाम पर इनकी मनमानी भी चरम पर पहुंच गयी है. 14वां वित्त आयोग के फंड को मात्र नौ वार्डों में खर्च कर दिया गया है. अन्य पार्षदों के क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से काफी नाराजगी है. अभियंताओं के मनमाने रवैये पर पार्षदों में काफी नाराजगी है.

पार्षदों द्वारा पूछे जाने पर अभियंत्रण टीम कहती है कि सारा विकास कार्य नगर विकास विभाग से तय हुआ है. पार्षदों ने जब नगर विकास विभाग से संपर्क किया तो उनकी पांव के नीचे से जमीन खिसक गया. नगर विकास विभाग से पता चला कि नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्यों की सूची देवघर से बना कर भेजा गया था. इससे साफ हो गया है कि अभियंताओं की टीम मनमानी कर अपनी गलती सरकार पर थोप देती है.

वहीं नगर निगम में शामिल किये गये 44 गांवों के लोग विकास कार्यों से महरूम है. उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है. ग्रामीणों से विकास का वादा करके चिह्नित 44 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था. अब गांव वाले भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ग्रामीण भी अपनी भावना के साथ खिलवाड़ होते देख क्षेत्र के पार्षदों को कोसना शुरू कर दिये हैं. अभियंताओं की हठधर्मिता की वजह से पार्षद भी अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर जनता से कोई वादा नहीं कर पा रहे हैं.
‘अभियंताओं ने मनमाना रवैया अख्तियार करते हुए 14वां वित्त आयोग के फंड को सिर्फ नौ वार्ड क्षेत्र में खर्च दिये हैं. अन्य क्षेत्र विकास कार्यों से महरूम है. नगर विकास विभाग से संपर्क करने पर इसका खुलासा हुआ है. इससे पार्षदों में काफी नाराजगी है. निगम में शामिल किये गये 44 गांवों में बुनियादी सुविधाएं भी लोगों नसीब नहीं है. ‘
– रीता चौरसिया
वार्ड पार्षद सह जिलाध्यक्ष भाजपा महिला मोरचा

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