श्री बैद्यनाथ पंचांग को मान्यता दे श्राइन बोर्ड

देवघर : शुक्रवार को बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में ज्याेतिषाचार्य प्रमाेद श्रृंगारी द्वारा संपादित वैद्यनाथ पंचांग के पांचवें संस्करण का लोकार्पण किया गया. लोकार्पण समारोह का उद्घाटन पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज, डीपीआरओ सह मंदिर प्रभारी बिंदेश्वरी झा, पंडित कामेश्वर मिश्र सहित अन्य अतिथियों ने समवेत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2017 8:00 AM
देवघर : शुक्रवार को बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में ज्याेतिषाचार्य प्रमाेद श्रृंगारी द्वारा संपादित वैद्यनाथ पंचांग के पांचवें संस्करण का लोकार्पण किया गया. लोकार्पण समारोह का उद्घाटन पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज, डीपीआरओ सह मंदिर प्रभारी बिंदेश्वरी झा, पंडित कामेश्वर मिश्र सहित अन्य अतिथियों ने समवेत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इसके बाद सभी अतिथियों ने श्री वैद्यनाथ पंचांग का लोकार्पण किया.

इस अवसर पर पंडित कामेश्वर मिश्र ने कहा : बाबाधाम के इस लघु पंचांग का बहुत ही महत्व है. इसे पूरी सावधानी के साथ बनाया गया है. ज्योतिषाचार्य प्रमोद श्रृंगारी ने कहा कि इस बार पंचांग में मुख्य रुप से बाबा मंदिर सहित परिसर में स्थित सभी मंदिरों के वार्षिक पूजा की तिथि काे वर्णित किया गया है. साथ ही अगले वर्ष सभी मंदिरों के ध्यान मंत्र के बारे में जानकारी देने की योजना पर काम चल रहा है. कार्यक्रम का संचालन शांति प्रसाद श्रृंगारी ने की. धन्यवाद ज्ञापन राजेश झा ने किया. इससे पूर्व स्वस्ति वाचन ललन द्वारी, सुमीत सरेवार, ललन मिश्र व प्रमोद श्रृंगारी ने किया. इस अवसर पर रिंकू झा, शिवनाथ बिलयासे,पंडित दुर्गा प्रसाद, नरेंद्र नाथ ठाकुर सहित दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे.
किसने क्या कहा
धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पंचांग की जरूरत हर किसी को है. झारखंड और बाबाधाम का पहला पंचांग काफी पोपुलर हो रहा है. वे इसे विस्तृत रूप देने के लिए प्रबंधन बोर्ड हो या श्राइन बोर्ड की बैठक में बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड को बाबा बैद्यनाथ मंदिर के लिए इस महत्वपूर्ण पंचांग को मान्यता देना चाहिए. धर्मरक्षिणी इसमें हर संभव सहयोग करेगी.
डीपीआरओ सह मंदिर प्रभारी बिंदेश्वरी झा ने कहा कि पंचांग किसी भी क्षेत्र की धार्मिक संविधान होता है. वे चाहेंगे कि मंदिर की ओर से भी इसमें सहयोग दिया जाये. कैसे सहयोग हो सकता है, वे इसकी संभावना तलाशेंगे.
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र ने कहा : हरेक राज्य व क्षेत्र से पंचांग का प्रकाशन होता है. लेकिन झारखंड का ये पहला पंचांग राज्य के लिए मार्गदर्शक है. सरकार इस पंचांग को मान्यता प्रदान कर इसे संरक्षित करने का काम करे. साथ ही पंचांग के संपादक एक टीम बनाकर इसे और समृद्ध करते रहें.

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