आठ साल में मिले 24 एचआइवी मरीज
मधुपुर: प्रखंड क्षेत्र में एचआइवी पोजिटिव मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अब तक 24 एचआइवी संक्रमित लोग पाये गये हैं. इनमें 15 महिला व 9 पुरुष शामिल हैं. इससे पहले चार एचआइवी संक्रमित की मौत भी हो चुकी है. एचआइवी पॉजिटिव वालों को सरकारी स्तर पर दवा व इलाज का कीट […]
मधुपुर: प्रखंड क्षेत्र में एचआइवी पोजिटिव मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अब तक 24 एचआइवी संक्रमित लोग पाये गये हैं. इनमें 15 महिला व 9 पुरुष शामिल हैं. इससे पहले चार एचआइवी संक्रमित की मौत भी हो चुकी है. एचआइवी पॉजिटिव वालों को सरकारी स्तर पर दवा व इलाज का कीट तो नि:शुल्क मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन इन लोगों को सरकारी स्तर पर मिलने वाले प्रतिमाह दो हजार की आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है. इनके पुनर्वास पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा.
अनुमंडलीय अस्पताल परिसर के आइसीटीसी विभाग द्वारा एक अप्रैल 2009 से जनवरी 17 तक ये सभी मामले सामने आये हैं. अब तक यहां 3,977 मरीजों के खून की जांच की गयी है. अधिकतर ऐसे इलाकों में एचआईवी संक्रमित मामले सामने आये हैं. जहां के पुरुष रोजी रोटी के जुगाड़ में बड़े शहरों में रह कर काम कर रहे है. वहां संक्रमण का शिकार होने के बाद वापस आते हैं तो यहां भी संपर्क में आने से महिला की जान नहीं बचती. आइसीटीसी विभाग स्थानीय एनजीओ के मदद से विभिन्न गांव में शिविर लगा कर लोगों की पहचान व इलाज के लिए प्रयासरत है. किसी से भी जबरन खून लेने का अधिकार किसी को नहीं है.
पहले काउंसेलिंग के बाद ही जांच के लिए खून लिया जाता है. तीन स्तरों पर उसकी जांच के बाद ही एचआइवी की पुष्टि की जाती है. एचआइवी पीड़ित को नि:शुल्क दवा के अलावा एनएसीओ के माध्यम से दो हजार रुपया प्रत्येक माह आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है. लेकिन अब तक किसी भी मरीज को यह सहायता नहीं मिल रही है. हालांकि इन सभी का नाम व पता विभाग ने काफी गोपनीय रखा है, ताकि समाज में भेदभाव न हो.