रांगा मोड़ के समीप से मोबाइल चार्जर का पिन बदलवाकर वह लौटा ही था कि एक कमरे में पंखे से लटकती मां की लाश देखा, जिसका दरवाजा खुला हुआ था. दूसरे कमरे में पिताजी आशुतोष झा बैठे हुए थे. कैंची लाकर वह पंखे से ओढ़नी का फंदा काटने लगा. पीछे से पिताजी भी वहां आ गये. दोनों पिता-पुत्र ने मिलकर नीचे उतारा.
इसके बाद पिताजी के कहने पर वह डॉक्टर को बुलाकर लाया. डॉक्टर ने देखते ही मां को मृत घोषित किया और चलते बने. पीछे से उसका पिताजी भी कहीं चले गया. इसके बाद घटना की सूचना पाकर आसपास में रहने वाले उसके मामाघर के लोग भी वहां पहुंच गये. समाचार लिखे जाने तक पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है.