प्रसव के बाद बच्चे की मौत परिजनों ने किया हंगामा

मधुपुर.अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव के कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गयी. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हो-हंगामा किया और घटना की शिकायत पुलिस में की. घटना के संबंध में बताया जाता है कि बुढ़ैय की मीना देवी को शनिवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2017 7:26 AM

मधुपुर.अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव के कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गयी. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हो-हंगामा किया और घटना की शिकायत पुलिस में की.

घटना के संबंध में बताया जाता है कि बुढ़ैय की मीना देवी को शनिवार की शाम को प्रसव पीड़ा हुई. इसके बाद उसे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. रात को 9.50 में मीना ने पुत्र को जन्म दिया. इसके बाद चिकित्सकों ने बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए रात सवा दस बजे उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया.

परिजनों ने बताया कि इतनी रात को न तो उसे एंबुलेंस मिला और न ही ममता वाहन उपलब्ध कराया गया. इसके बाद बच्चे को लेकर पैदल ही मधुपुर के विभिन्न नर्सिंग होम में भटकते रहे. लेकिन किसी ने रात को क्लिनिक नहीं खोला. इसके बाद साढ़े ग्यारह बजे देवघर ले जाने के उद्देश्य से मधुपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. लेकिन बच्चे की स्थिति बिगड़ने के बाद वापस वे लोग अनुमंडलीय अस्पताल लौट गये. जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे.

सुबह घटना की जानकारी मिलने पर कई लोग पहुंचे और अस्पताल में हो हंगामा किया. घटना के बाद महिला के पति मोहनपुर थाना के अंतर्गत रडिया निवासी पप्पू रजक ने थाना में लिखित शिकायत दिया है. इसमें चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. बताया जाता है कि मीना की शादी रडिया में हुई है. लेकिन पहला बच्चा होने के कारण वह बुढ़ैय स्थित मायके में ही रह रही थी.

क्या कहते हैं इंस्पेक्टर इंचार्ज

इंस्पेक्टर इंचार्ज विनोद कुमार ने कहा कि पप्पू रजक ने चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दिया है. लेकिन परिजन बच्चे के पोस्टमार्टम हेतु तैयार नहीं हुआ. इसके बाद मामला में सनहा दर्ज किया गया है.

क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

उपाधीक्षक डा. सुनील मरांडी ने कहा कि महिला को समय से पूर्व बच्चा हुआ. इसके बाद चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया. इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गयी है. अस्पताल में महिला चिकित्सक व शिशु रोग विशेषज्ञ भी नहीं है.

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