Deoghar News : राष्ट्रीय लोक अदालत में 96156 मामले निष्पादन, लाखों रुपये की बांटी गयी परिसंपत्तियां

सिविल कोर्ट कैंपस में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष अशोक कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से छोटे-छोटे मुकदमों का निष्पादन करायें और कोर्ट कचहरी के चक्कर से मुक्ति पायें.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 9:17 PM

विधि संवाददाता, देवघर : सिविल कोर्ट कैंपस में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष अशोक कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से छोटे-छोटे मुकदमों का निष्पादन करायें और कोर्ट कचहरी के चक्कर से मुक्ति पायें. लोक अदालत में पक्षकारों की सहमति से मामलों का निष्पादन होता है, जिसमें किसी भी पक्ष की हार नहीं होती है. दोनों पक्ष प्रसन्न होकर अपना अपना घर लौट जाते हैं. डीडीसी नवीन कुमार ने कहा कि लोक अदालत का आयोजन होने से लोगों को काफी राहत मिली है और सरल तरीका से केस खत्म कराते हैं. यह प्रशंसनीय है. इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सह स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बालेश्वर प्रसाद सिंह व महासचिव कृष्णधन खवाड़े ने भी अपनी बातें रखीं. समारोह में पीडीजे ने दो लाभुकों को चारपहिया वाहन की चाबी भी सौंपी, जो आर्थिक उपार्जन के लिए सरकारी योजना के तहत दिये गये. साथ ही एक दर्जन छात्राओं को साइकिल, दर्जनों महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि व स्वीकृति पत्र, क्लेम केस में दावाकर्ताओं को चेक भी सौंपा. मौके पर एडीजे नवम विजय कुमार श्रीवास्तव, सीजेएम कुमारी जीव, एसीजेएम मीनाक्षी मिश्रा, एसडीजेएम संध्या प्रसाद, न्यायिक दंडाधिकारी दीपक कुमार, बीसी चटर्जी, सृष्टि घई, ऐश्वर्या श्रीवास्तव, समा रोशनी कुल्लू, कोर्ट मैनेजर रजनीश कुमार सिन्हा समेत कई न्यायिक पदाधिकारी, डालसा से जुड़े मीडियेटर, अधिवक्ता, कोर्ट के कर्मचारी, पीएलवी आदि मौजूद थे. सुलह के आधार पर निबटाये गये मामले न्याय मंडल देवघर में राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से 96,156 मामलों का निष्पादन सुलह के आधार पर हुआ. साथ ही 13 करोड़, 87 लाख, 16 हजार, 816 रुपयों का समझौता तय हुआ व विभिन्न विभागों को लाखों रुपये की नकद वसूली हुई. मामलों के निष्पादन के लिए 17 बेंच बनाये गये थे, जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों एवं डालसा से जुड़े अधिवक्ताओं को जिम्मेवारी दी गयी थी. इसमें सबसे अधिक रवेन्यू केस 51,495, क्रिमिनल कंपाउंडेबुल के 30,552, वाटर बिल के 1,255, बैंक ऋण के 392, बिजली चोरी के 206, चेक बाउंस के 68, मैट्रिमोनियल केस के 15, क्लेम व सिविल के एक-एक मामले शामिल हैं. निष्पादित मामलों एक नजर में मामले निष्पादित रेवेन्यू केस 51,495 क्रिमिनल कंपाउंडेबुल 30,552 वाटर बिल के मामले 1255 बैंक ऋण के मामले 392 बिजली चोरी के केस 206 चेक बाउंस के केस 68 मैट्रिमोनियल केस 15 सिविल केस 01 क्लेम केस 01 कुल 96,156 माता-पिता को 2800 रुपये हर माह देने का आदेश फैमिली कोर्ट में गुजारा भत्ता के लिए एक मुकदमा माता-पिता ने दाखिल किया था. इसमें अपने चार पुत्रों को विपक्षी बनाया था. बुढ़ापे के चलते माता-पिता काम नहीं कर पा रहे थे और खाने को मोहताज थे. कुटुंब न्यायालय में मेंटेनेंस केस के दोनों पक्षकारों को नोटिस देकर बुलाया गया था और फैमिली कोर्ट के प्रधान जज रामाकांत मिश्रा के पहल पर माता-पिता एवं उनके चारों पुत्रों के बीच समझौता हुआ. चारों पुत्रों द्वारा गुजारा भत्ता के तौर पर सात-सात सौ रुपये यानि कुल मिलाकर 2800 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा. वादी के सभी चारों पुत्र माता-पिता से अलग रहते हैं. इसी शर्त के साथ इस वाद का निष्पादन हुआ. हाइलाइट्स -13 करोड़ 87 लाख 16 हजार 816 रुपये का हुआ समझौता -स्कूली छात्राओं के बीच बांटी गयी साइकिल – दो लाभुकों को दिये गये चारपहिया वाहन

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