मांसाहारी व्यंजनों के लिए शहरवासी एक माह तक रहेंगे वंचित

देवघर : प्रशासनिक निर्देश के बाद मांसाहारी व्यंजनों के इच्छुक शहरवासियों को अगले एक माह तक इंतजार करना पड़ सकता है. जबकि सरकार के गृह विभाग के आदेश का हवाला देते हुए प्रशासन व नगर निगम की अोर से वधशालाअों को बंद किये जाने की घोषणा तो की गयी. मगर वैकल्पिक व्यवस्था न किये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2017 4:39 AM

देवघर : प्रशासनिक निर्देश के बाद मांसाहारी व्यंजनों के इच्छुक शहरवासियों को अगले एक माह तक इंतजार करना पड़ सकता है. जबकि सरकार के गृह विभाग के आदेश का हवाला देते हुए प्रशासन व नगर निगम की अोर से वधशालाअों को बंद किये जाने की घोषणा तो की गयी. मगर वैकल्पिक व्यवस्था न किये जाने से शहर के मटन-चिकेन व्यंजनों के इच्छुक लोगों को जायका बदलने में परेशानी होगी अौर उन्हें अगले एक माह तक मांस खाने नहीं मिलेगा.

बतातें चलें कि शनिवार को डीसी की अध्यक्षता में डिप्टी मेयर, निगम के सीइअो, सिविल सर्जन व पशुपालन पदाधिकारियों की बैठक में पांच मई तक शहर में किसी भी प्रकार के वधशालाअों में मांस-मुर्गा बिक्री करने पर प्रतिबंध लगाये जाने की घोषणा की गयी है. पांच मई के बाद निगम के पूर्ण बोर्ड की होने वाली बैठक में लिये गये निर्णय व नई नियमावली तय होने के बाद ही वधशाला संचालकों को लाइसेंस निर्गत करने व पुराने लाइसेंस के रिन्युअल किये जाने की घोषणा की गयी है.

होटल-रेस्टूरेंट व्यवसाय प्रभावित
सरकार व प्रशासन के फैसले के बाद शहर के होटल व रेस्टूरेंट संचालकों की परेशानी बढ़ गयी है. सुलभ तरीके से कच्चा माल उपलब्ध न होने के कारण उनके होटलों व रेस्टूरेंट में मांसाहारी व्यंजन परोसना मुश्किल हो रहा है.
कहते हैं मांस-मुर्गा विक्रेता
इस कारण मांस-मुर्गा विक्रेताअों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है. इस संबंध में मो अब्दुल, मो किस्मत व मो मुन्ना ने बताया कि प्रशासन ने अवैध बिक्री पर रोकथाम की बातें तो कर दी. मगर हम सभी के परिवार के लोगों के भरण-पोषण की बातें नहीं कही गयी. इस पर नम्र विचार किया जाना चाहिये था.

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