जिप ने मांगा फंड का हिस्सा मुखिया ने जतायी आपत्ति
14वां वित्त आयोग फंड. हिस्सा मांगें जाने का पंचायतों में विरोध देवघर : केंद्र सरकार के 14वां वित्त आयोग का फंड पंचायतीराज में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त बैंक खाते में भेजा जा रहा है. पंचायतीराज में 14वां वित्त आयोग की 100 फीसदी राशि पंचायतों […]
14वां वित्त आयोग फंड. हिस्सा मांगें जाने का पंचायतों में विरोध
देवघर : केंद्र सरकार के 14वां वित्त आयोग का फंड पंचायतीराज में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त बैंक खाते में भेजा जा रहा है. पंचायतीराज में 14वां वित्त आयोग की 100 फीसदी राशि पंचायतों को ही भेजी जा रही है, लेकिन इन दिनों देवघर में 14वां वित्त आयोग का फंड का हिस्सा को लेकर जिला परिषद व 194 पंचायतों में खींचतान शुरू हो गयी है. पिछले दिनों 11 जिप सदस्यों ने आपस में बैठक कर सरकार से पंचायत को आवंटित हो रही 14वां वित्त आयोग का 20 फीसदी फंड जिला परिषद को अंश के रुप में हस्तांतरित करने की मांग कर दी है.
जिला परिषद की बैठक में भी यह प्रस्ताव पारित किया गया है. जिप सदस्यों ने पीएम को भेजे गये मांग पत्र में पिछले पंचायतीराज व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा है कि 13वें वित्त आयोग का फंड जिला परिषद को 20 फीसदी आवंटित किया जाता था, इस राशि से आधारभूत संरचना व पेयजल पर काम हुआ था. आधारभूत संरचना में तैयार भवनों से प्राप्त होने वाले राजस्व से जिला परिषद के कर्मियों का मानदेय भुगतान होगा. इसी तर्ज पर 14वां वित्त आयोग का फंड का अंश भी जिला परिषद द्वारा मांगा जा रहा है. जिला परिषद के इस मांग पर कई पंचायतों के मुखिया ने आपत्ति करना शुरू कर दिया है.
मुखिया का कहना है कि पंचायतीराज की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत होती है. ग्राम पंचायत सीधे ग्राम सभा व जनता से जुड़ी है, ऐसी परिस्थिति में ग्राम पंचायतों से फंड का कटौती कर जिला परिषद में अंश रखना अनुचित है. इससे पंचायतों का विकास प्रभावित होगा. फंड की हिस्सेदारी को लेकर जिला परिषद द्वारा लगातार यह मांग किये जाने पर 194 पंचायतों के मुखिया में उबाल बढ़ता जा रहा है.