जच्चा-बच्चा की मौत की जांच पर हो रहा टालमटोल

देवघर: सदर अस्पताल में 30 अप्रैल को हुई प्रसूति अंजू राय व उसके नवजात की मौत मामले की जांच के नाम पर विभाग द्वारा टालमटोल किया जा रहा है. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर मामले की जांच कौन करेगा. पहले तो डीएस ने जांच के लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2017 7:13 AM
देवघर: सदर अस्पताल में 30 अप्रैल को हुई प्रसूति अंजू राय व उसके नवजात की मौत मामले की जांच के नाम पर विभाग द्वारा टालमटोल किया जा रहा है. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर मामले की जांच कौन करेगा. पहले तो डीएस ने जांच के लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी गठित की, लेकिन कमेटी के दो सदस्य डॉ बीपी सिंह व डॉ एनएल पंडित द्वारा जांच से इनकार किये जाने के बाद अब डीएस ने भी रुख बदल दिया है.

सदर अस्पताल के डीएस डॉ विजय कुमार ने सीएस को पत्र भेजकर मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित कराने की बात कही है. सीएस को भेजे गये पत्र में डीएस ने कहा है कि डॉक्टरों-कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा था व तीन सदस्यीय डॉक्टरों की जांच कमेटी गठित की थी.

डॉक्टरों-कर्मियों द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण का जवाब व जांच कमेटी के दो डॉक्टरों द्वारा जांच से इनकार करते हुए दिये पत्र को संलग्न कर भेज रहा हूं. उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच के लिये उच्चस्तरीय टीम के गठन की आवश्यकता है. ऐसे में डीएस ने सीएस से मामले की जांच हेतु उच्चस्तरीय जांच टीम गठन करने का आग्रह किया है. जानकारी हो कि 30 अप्रैल को सदर अस्पताल के प्रसूति कक्ष में रानीकोठी मुहल्ला निवासी शंभू राय की पत्नी अंजू राय (30) व उसके नवजात की मौत हो गयी थी. परिजनों ने गंभीर हालत में सुबह में ही अंजू को सदर अस्पताल में भरती कराया था. परिजनों का आरोप है कि दिनभर उसे अस्पताल में किसी डॉक्टर ने नहीं देखा था और उसकी मौत होने के बाद ओटी में शिफ्ट करा दिया गया था. अंजू व उसकी नवजात के मौत के बाद सदर अस्पताल के ओटी के पास हंगामा हुआ था.

इस दौरान परिजनों द्वारा महिला डॉक्टर को घेरे रखा गया था. बाद में सूचना पाकर नगर पुलिस पहुंची थी और डॉक्टर को बाहर निकलवाया था. परिजनों द्वारा लगाये गये आरोप के बाद मामले की जांच के लिए डीएस ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी गठित की थी. उक्त जांच कमेटी में सदर अस्पताल के डॉक्टर बीपी सिंह, डॉक्टर एनएल पंडित व डॉक्टर सुषमा वर्मा को रखा गया था. डीएस के ज्ञापांक 455 दिनांक पहली मई को जांच कमेटी के डॉक्टरों को पत्र दिया गया था. जांच कमेटी से तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगा गया था.

Next Article

Exit mobile version