एक दर्जन सिंचाई योजनाएं अधूरी

देवघर: संताल परगना भले ही पहाड़ी इलाका है, लेकिन बारिश व नदियों का पानी रोक कर संताल परगना की धरती पर हरियाली लायी जा सकती है. संताल परगना में एक दर्जन छोटी-बड़ी सिंचाई योजनाएं अधूरी है. इनमें कुछ योजनाओं पर कार्य तो तेजी से चल रहा है, लेकिन अधिकांश योजनाओं का काम ठप है. जबकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2014 9:46 AM

देवघर: संताल परगना भले ही पहाड़ी इलाका है, लेकिन बारिश व नदियों का पानी रोक कर संताल परगना की धरती पर हरियाली लायी जा सकती है. संताल परगना में एक दर्जन छोटी-बड़ी सिंचाई योजनाएं अधूरी है.

इनमें कुछ योजनाओं पर कार्य तो तेजी से चल रहा है, लेकिन अधिकांश योजनाओं का काम ठप है. जबकि सरकार से कई योजनाओं में आवंटन भी प्राप्त है. दर्जन भर सिंचाई योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया तो संताल परगना में 70 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन को पानी मिल पायेगा व सालों भर खेती होती रहेगी. लेकिन सरकार की उदासीनता से किसानों का यह सपना आज भी अधूरा है.

पुनासी जलाशय योजना आज भी दिल्ली दूर
लगभग 500 करोड़ की पुनासी जलाशय योजना संताल परगना की सबसे बड़ी योजना है. 26 करोड़ की पुनासी योजना 30 वर्षो में 500 करोड़ रुपये की हो गयी. लेकिन आज भी काम अधूरा है. इस योजना के चालू होने से 25 हजार हेक्टेयर जमीन का पटवन हो पायेगा. 2010 में इस योजना का काम पुन: चालू हुआ लेकिन कार्य की गति धीमी होने के कारण पीआइएल पर हाइकोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को समय सीमा के अंदर पुनासी जलाशय योजना का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है. हालांकि अभी पुनासी जलाशय योजना का काम अभी जोर-शोर से चल रहा है. लेकिन अभी भी योजना के चालू होने में समय लगेगा.

दुमका में मयूराक्षी बांया तट नहर योजना लंबित
दुमका जिले में मयूराक्षी नदी पर बांया तट नहर सिंचाई योजना का भी कार्य धीमा पड़ा है. सरकार की स्वीकृति पर कई माह से इस बड़ी योजनाओं का अब तक केवल सर्वे ही पूरा हुआ है. इस योजना से दुमका के चार हजार हेक्टेयर एकड़ जमीन में पटवन सुविधा मुहैया कराया जा सकता है. दुमका में ही हरना बियर का काम चालू नहीं हो पाया है. जबकि कझिया बियर का अब भी 20 फीसदी काम बाकी है.

साहिबगंज में कब चालू होगी गुमानी बराज
साहिबगंज के गुमानी नदी पर बनने वाली गुमानी बराज योजना सहिबगंज व पाकुड़ जिले को सिंचाई सुविधा देने वाली सबसे बड़ी योजना है. इस योजना से पांच हजार से अधिक हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य है. गुमानी केंद्र प्रायोजित योजना है. लेकिन आज भी निगरानी के अभाव में 25 फीसदी काम अधूरा पड़ा हुआ है. ये योजना समय पर पूरी हो जाती तो किसानों का मन हर्षित हो जाता.

देवघर में बुढ़ई जलाशय समेत योजना होगा वरदान
देवघर में बुढ़ई जलाशय योजना, कृष्णा सागर डैम, त्रिकुट जलाशय योजना, दरुआ बियर, डहुआ बियर सिंचाई योजना से सालों भर पानी मिलना शुरु हो जाये तो 15 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित हो पायेगा. इसमें चार योजना की स्वीकृति तो मिली थी. लेकिन 25 वर्ष पहले चालू होने से योजना बंद हो गया. पिछले दिनों इनमें कई योजनाओं का शिलान्यास किया गया है. देवघर, गोड्डा व दुमका जिले में लिफ्ट इरीगेशन योजना भी है जो 30 वर्षो से बंद पड़ा है. हालांकि पिछले दिनों एमपी फंड से योजना चालू करने के लिए शिलान्यास हुआ है. लेकिन विभाग काम चालू करने में उदासीन है.

गोड्डा की पांच सिंचाई योजना बदल सकती है तसवीर
गोड्डा जिले में पांच छोटी-बड़ी सिंचाई योजना है. इसमें बटेश्वरनाथ गंगा पम्प नहर योजना, त्रिवेणी बियर, सुगाथान जलाशय योजना, सुंदर जलाशय योजना (सुंदरपहाड़ी) व सोनेपुर बियर जैसी सिंचाई योजना है. यह पांचों योजना से अगर सालों भर पानी मिलना चालू हो जाये तो कृषि क्षेत्र में पूरे गोड्डा जिले की तसवीर ही बदल सकती है. लगभग 30 हजार हेक्टेयर जमीन का पटवन हो पायेगा. सुविधा मिल जाये. इसमें सबसे बड़ी बटेश्वरनाथ गंगा नहर पम्प योजना है. इस परियोजना से बिहार के कहलगांव से गंगा के पानी को गोड्डा जिले में लाने की योजना है. पिछले एक वर्षो से यह काम मध्य गति से चल रही है.

Next Article

Exit mobile version