उन्होंने रुसा के को-आॅर्डिनेटर प्रो हिमांशु डुंगडुंग को भावी आवश्यकताओं को देखते हुए प्रस्ताव तैयार कर भेजने का निर्देश दिया. इसमें उन्होंने वर्चुअल क्लास व वर्चुअल लैब की स्थापना, नैक की मान्यता हासिल करने के लिए विवि के अंदर जिम्नेजियम व कैंटीन की स्थापना कराने को लेकर भी सुझाव दिया.
पदाधिकारियों को उन्होंने विवि की तमाम कमिटियों व स्टेच्यूटरी बॉडी के विवरण उपलब्ध कराने, डेवप्लपमेंट प्लान आदि से अवगत कराने का निर्देश दिया. परिसर में शहरी वानिकी विशेषज्ञ की सेवा लेकर पौधारोपण कराने, वन महोत्सव आयोजित कर परिसर को हरा-भरा बनाने, हूल दिवस पर वृहत कार्यक्रम आयोजित करने, उसमें स्मारिका प्रकाशित करने पर जोर दिया. विश्वविद्यालय तक आने-जाने को लेकर बस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र के विधायक-सांसद से अनुरोध करने की बात कही.
मौके पर प्रोवीसी डॉ एसएन मुंडा, जैक के अध्यक्ष अरबिंद कुमार सिंह, विनोबा भावे व मगध विवि के पूर्व वीसी रहे डॉ अरविंद कुमार, कुलसचिव डॉ गौरव गांगुली, डीएसडब्ल्यू डॉ एएन पाठक, विकास पदाधिकारी सुजीत सोरेन, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ शंभु प्रसाद सिंह, डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ प्रमोद कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राजकुमार झा, सहायक कुलसचिव इग्निसयस मरांडी, डॉ अजय सिन्हा, प्रो अच्युत चेतन, डॉ राजेंद्र पांडेय, डॉ नवीन कुमार सिंह, कश्यप बाल गोविंद, सुनील कुमार सिंह, बिंदेश्वरी सिंह आदि मौजूद थे.