24 आरोपितों को काेर्ट से राहत, हुए आरोपमुक्त
देवघर: सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, आगजनी व लूटपाट के एक मामले में करीब 16 वर्ष बाद कोर्ट का फैसला आया है. सेशन जज चार लोलार्क दुबे की अदालत द्वारा सेशन केस नंबर 170/2014 सरकार बनाम बुद्धु राय व अन्य के मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सभी 24 आरोपितों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में […]
देवघर: सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, आगजनी व लूटपाट के एक मामले में करीब 16 वर्ष बाद कोर्ट का फैसला आया है. सेशन जज चार लोलार्क दुबे की अदालत द्वारा सेशन केस नंबर 170/2014 सरकार बनाम बुद्धु राय व अन्य के मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सभी 24 आरोपितों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया. रिहा होने वालों में बुद्धु राय, पलटन हांसदा, जीतन हांसदा, चेतन हांसदा, चोया हांसदा, जीतन महरा, राजू राय, संगम मांझी, मनुलाल मांझी, हुरो मांझी, गणेश मांझी, फूलेश्वर मांझी, मोटाे राय, पैका मांझी, शिवलाल मांझी, हेमलाल मांझी, सोमाय हांसदा, चोरन हांसदा, गुथो मांझी, बड़कू हांसदा, मानिक मांझी, थुरकू हांसदा, अमीन मांझी व परमे मांझी हैं. सभी आरोपित करौं थाना के कड़हिया व तुलसीटांड़ गांव के रहनेवाले हैं.
यह मुकदमा रशीद मियां ने न्यायालय में दर्ज कराया था, जिसमें कुल 42 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया था. ट्रायल के दौरान कई आरोपितों की मृत्यु हो गयी व कई उपस्थित ही नहीं हुए जिनका अभिलेख अलग कर दिया गया है. ट्रायल महज 24 आरोपितों का हुआ. अभियोजन पक्ष से कुल नौ गवाही दी गयी पर घटना की पुष्टि नहीं होने के चलते संदेह का लाभ मिला व आरोप मुक्त कर दिया गया.
क्या था मामला : करौं थाना क्षेत्र के कड़हिया गांव में मंगल हांसदा की मौत हो गयी थी. मौत की सूचना मिलते ही गांव के अन्य समुदाय में आक्रोश हो गया. अफवाह फैली की उनकी हत्या कर दी गयी है. इसी आक्राेश में आरोपितों ने एकजुट होकर हरवे-हथियार से लैस होकर परिवादी रशीद मियां व अन्य के घरों पर हमला कर दिया. घटना के दौरान आरोपितों ने 28 साइकिल, 125 गाय बैल, 25 भैंसें व 35 बकरी लूट ली थी. इतना ही नहीं तीन बाइक व 16 घरों में आग लगा दी थी. करीब 60 लाख रुपये के सामान की क्षति का आरोप लगाया गया था. घटना को लेकर न्यायालय में पीसीआर केस संख्या 412/2000 दर्ज किया गया था.