लॉ के क्षेत्र में बेहतर करियर का स्कोप
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प्रभात चर्चा में लॉ कॉलेज के व्याख्याता एचपी सिंह ने कहा
देवघर : कानून की पढ़ाई कर करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं को विशेष जानकारी देने के लिए शनिवार को प्रभात खबर कार्यालय में लॉ कॉलेज देवघर के व्याख्याता सह वरीय अधिवक्ता एचपी सिंह अतिथि के रुप में उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि लॉ के क्षेत्र में पहले की अपेक्षा अब बेहतर करियर का स्कोप है. वर्तमान में प्राइवेट सेक्टर में लीगल एडवाइर की जरुरत पड़ती है. कई कंपनियां एग्रीमेंट, एमओयू, मुकदमा को लेकर लीगल एडवाइजर रखते हैं.
इसके साथ ही लॉ के क्षेत्र में एपीपी, पीपी व सरकारी अधिवक्ता के पदों पर सेवा दे सकते हैं. विधिक सहायता के क्षेत्र में मध्यस्थता व ट्रेनिंग जैसे कार्यों का स्कोप है. लॉ की तैयारी के लिए इलाहाबाद बेहतर जगह है. इलाहाबाद में कई कोचिंग संस्थान हैं. लॉ की पढ़ाई झारखंड में रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय सहित एसकेएमयू के दुमका व देवघर कॉलेज में होती है.
न्यायिक पदाधिकारी कैसे बनें : श्री सिंह ने बताया कि न्यायिक पदाधिकारी बनने के लिए लॉ ग्रेजुएट करने के बाद किसी भी स्टेट बार काउंसिल में नामांकन अभ्यर्थी को कराना होगा. उसके बाद अभ्यर्थी को प्रेक्टिस के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट बार काउंसिल द्वारा दिया जायेगा. इस क्रम में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पात्रता परीक्षा आयोजित की जाती है. इसी परीक्षा में पास करने के बाद सर्टिफिकेट दिया जायेगा, उस सर्टिफिकेट को स्टेट बार काउंसिल में जमा करने के बाद अधिवक्ता को स्थायी प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट मिल जाता है. इसके बाद ही न्यायिक पदाधिकारी की चयन परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. 10 वर्ष की प्रैक्टिस के बाद एडीजे की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.
इन लोगों ने किये सवाल
रिखिया से अमित राव, पूरनदाहा से उज्जवल कुमार व झौंसागढ़ी से सुबोध राउत द्वारा फोन पर लॉ की पढ़ाई के बारे में जानकारी मांगी गयी. उनके जवाब में श्री सिंह ने बताया कि लॉ की पढ़ाई के लिए ग्रेजुएट 45 फीसदी प्राप्तांक के साथ पास होना अनिवार्य है. लॉ की पढ़ाई पांच व तीन वर्षों का है. अगर छात्र 12वीं पास है तो स्नातक के साथ एलएलबी का कोर्स पांच वर्ष का होगा. अगर छात्र किसी भी विषय में ग्रेजुएट हैं तो तीन वर्ष का एलएलबी कोर्स होगा.