जसीडीह : रोहिणी सहित देवघर जिले के कई प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों से दुकानदार व व्यापारियों द्वारा सिक्के नहीं लिये जाने का मामला सामने आ रहा है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जबकि सिक्के लेने पर कहीं से कोई रोक नहीं है. रिजर्व बैंक के आदेश के बगैर अपनी मरजी से दुकानदार सिक्के लेने से मना कर रहे हैं.
इस कारण लोगों के पास सिक्के जमा होने लगे हैं. जिससे ग्रामीण परेशान हैं. बच्चा सिक्का लेकर टॉफी लेने जाता है या कोई सब्जी लेने या कोई खुदरा सामान लेने जाते हैं तो दुकानदार एक व दो रुपये के सिक्के लेने से इनकार कर रहे हैं. बैंक जाने पर वहां भी निराशा ही हाथ लग रही है. बैंकों में भी सिक्के नहीं लिए जा रहे हैं. दुकानदारों व बैंकों के रवैये से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी जा रही है.
कहते हैं ग्रामीण : अभय राणा, राजन राउत, केशव पांडेय, शिव शंकर राउत, सागर झा, शदाशिव राणा, मोनु झा, मोनु वर्णवाल, बिट्टू समेत दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि एक या दो रुपये के सिक्के लेकर जब सामान खरीदने जाते हैं तो उसे काेई दुकानदार लेता ही नहीं है. दुकानदार कहते हैं कि उनके थोक दुकानदार खुदरा सिक्का नहीं ले रहे तो वे कहां देंगे. जबकि बड़े व्यवसायियों का कहना है कि बैंक से पैसे निकालने पर नोट के साथ खुदरा सिक्का भी दिया जाता है लेकिन जब बैंक में पैसा जमा करने के लिये जाते हैं तो सिक्का लेने से इनकार कर देते है.
क्या है रिजर्व बैंक की गाइडलाइन
अगर कोई सिक्के लेने से मना करता है या इसका चलन बंद होने की अफवाह फैलाता है तो उस व्यक्ति पर आरबीआइ द्वारा भारतीय दंड संहिता के तहत देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. आरबीआइ के अनुसार, किसी के पास इसे लेने से मना करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि भारत सरकार इसे मान्यता देती है.