दुष्कर्म व पॉक्सो कांड के आरोपितों को नोटिस देकर बुला रही सीबीआइ
जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री . सुराग खोजने के लिए बनायी नयी रणनीति देवघर : जसीडीह के डाबरग्राम डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ टीम सुराग तलाशने के लिए नयी रणनीति बनायी है. इसके तहत जिले के सभी थाना से अप्रैल 2013 से अब तक दर्ज छेड़खानी सहित दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों का डिटेल्स एकत्र […]
जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री . सुराग खोजने के लिए बनायी नयी रणनीति
देवघर : जसीडीह के डाबरग्राम डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ टीम सुराग तलाशने के लिए नयी रणनीति बनायी है. इसके तहत जिले के सभी थाना से अप्रैल 2013 से अब तक दर्ज छेड़खानी सहित दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों का डिटेल्स एकत्र किया है. इसके बाद उन कांडों के आरोपितों को अब डबल मर्डर मिस्ट्री की जांच कर रहे सीबीआइ के आइओ द्वारा नोटिस देकर बुलाया जा रहा है. उन आरोपितों से सीबीआइ मामले के संबंध में पूछताछ करेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर उन आरोपितों का डीएनए व अन्य जांच भी करायी जा सकती है. हालांकि पूछे जाने पर सीबीआइ के अधिकारी मामले में कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर गये.
इसके पूर्व सीबीआइ ने सुराग तलाशने के लिये जनता से मदद की गुहार लगायी थी और सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी. इस संबंध में सदर अस्पताल परिसर सहित कुंडा, नगर, जसीडीह थाना के अलावा स्टेशन, स्टैंड व प्रमुख चौराहों पर सीबीआइ द्वारा पोस्टर भी चिपकाया गया था. बावजूद कांड में सीबीआइ को कुछ भी हाथ नहीं लग सका. जानकारी हो कि 26 मई 2013 को जसीडीह थाना क्षेत्र की दो नाबालिग सहेलियां रहस्यमय परिस्थिति में गायब हो गयी थी.
इसके दूसरे दिन 27 मई की शाम में डाबरग्राम पुलिस लाइन के पीछे तालाब से दोनों की लाश मिली थी. पोस्टमार्टम के बाद दोनों के कपड़े भी गायब मिले थे. इसके बाद सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हुआ था. मामले की जांच के लिये राज्यपाल के दो-दो सलाहकार सहित डीजीपी समेत पुलिस के कई वरीय अधिकारियों ने यहां कैंप तक किया था. जिला पुलिस द्वारा मामले में कुछ नहीं कर पाने के बाद केस सीआइडी के पाले में गया था. सीआइडी भी इस मामले में कुछ खास हासिल नहीं कर सकी.
इसके बाद परिजनों द्वारा हाइकोर्ट में याचिका दायर करने के पश्चात डबल मर्डर मिस्ट्री का केस सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया था. सीबीआइ द्वारा डीएनए प्रोफाइलिंग कराने के लिये कई संदिग्धों सहित परिजनों आदि का ब्लड सैंपलिंग कराया गया था. डीएनए जांच में भी सीबीआइ को कुछ खास हासिल नहीं हुआ. इस प्रकार यह कांड अब तक अबूझ पहेली बनकर रह गयी है. दोनों के परिजन अब सीबीआइ से भी आस तोड़ सके हैं. इनलोगों का कहना है कि नहीं लगता कि सीबीआइ भी उनलोगों को न्याय दिला सकेगी.
सभी थानों से ली गयी थी छेड़खानी सहित दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की डिटेल्स
जसीडीह थानांतर्गत डाबरग्राम पुलिस लाइन के पीछे तालाब से मिली थी दो सहेलियों की लाश