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तीन दशक से चल रहे कारखाना के बंद होने की घोषणा, सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या

मधुपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ला-ओपाला के ओपल डिवीजन को बंद करने संबंधी नोटिस लगाये जाने के बाद सैकड़ों स्थायी कारीगरों समेत ठेका पर काम करने वाले मजदूर फिलहाल बेरोजगार हो गये है.

मधुपुर . प्रखंड के गड़िया स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के ला- ओपाला आरजी लिमिटेड कारखाना के ओपल डिवीजन को बंद करने का नोटिस चिपकाये जाने के साथ ही एक ही झटके में 281 स्थायी मजदूर समेत ठेका पर काम करने वाले दर्जनों मजदूर फिलहाल बेरोजगार हो गये. उनके सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. गड़िया में कारखाना 1987 में शुरू हुआ था. कोलकाता के प्रसिद्ध उद्योगपति ब्रम्हदत्त झुनझुनवाला की धर्मपत्नी राधा देवी झुनझुनवाला ने इसका विधिवत उद्घाटन किया था. कारखाना खुलने से पूरे इलाके में उत्साह का माहौल था. कारखाने में डिनर सेेट, टी-सेट, कॉफी सेट, ग्लास की विभिन्न डिजाइन के अलावा दर्जनों तरह के सामान बनाये जाते थे. इसके शो-रूम देश के 14 राज्यों के दर्जनों शहर में था. कारखाना शुरू होने के कुछ साल बाद ही इसी परिसर से सटे क्रिस्टल डिवीजन का भी उद्घाटन बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने वर्ष 1995 में किया था. क्रिस्टल डिवीजन के अधिकतर सामान का निर्यात विदेशों में होता रहा, जिनमें अरब देश, इरान, इंगलैंड, अमेरिका आदि शामिल है. हालांकि यह कारखाना अभी फिलहाल एक शिफ्ट में चल रहा है और कंपनी इसके आधुनिकीकरण की तैयारी में है.

कई नयी कंपनियों के प्रोडक्ट कम दाम पर हैं उपलब्ध

ला- ओपाला के ओपल डिवीजन की तरह देश में इस क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों ने भी बड़ौदा व पुणे में अपना कारखाना लगाया है. जो पूरी तरह ऑटोमेटिक है और काफी कम लागत पर बाजार में सामान बेच रही है. ला- ओपाला का भी उतराखंड के सितारगंज में ऑटोमेटिक कारखाना है, जहां प्रत्येक दिन 60 टन माल का निर्माण होता है, जबकि मधुपुर में सिर्फ सात टन माल बनता है, जिसका वजन ज्यादा और फिनिशिंग बेहतर नहीं है और उस पर लागत काफी अधिक है, जिसके कारण कंपनी को नुकसान होने की बात कही जा रही है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल कंपनी ने ओपल डिवीजन को बंद करने का निर्णय लिया है. कंपनी के पीआरओ हेमंत नारायण सिंह ने कहा कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार सभी कर्मियों को लाभ व मुआवजा दिया जायेगा.

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