जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाव के लिए वृक्षों को करना होगा संरक्षित : घनश्याम
विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण सह आदिवासी संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मधुपुर के जाभागुढ़ी पचायत में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने पर जोर दिया.
मधुपुर . प्रखंड क्षेत्र की जाभागुढ़ी पंचायत के लालपुर में बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस सह संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर पौधरोपण सह आदिवासी संगम कार्यक्रम आयोजित किया गया. मौके पर समाजकर्मी घनश्याम के नेतृत्व में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने पौधरोपण किया. मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण को लेेकर नारा लगाया. “क्या हैं पेड़ के उपकार, मिट्टी, पानी और बयार, मिट्टी, पानी और बयार ये है जीवन के आधार. इधर संवाद ने चौरा गांव में आदिवासी संगम कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन समाजकर्मी घनश्याम, पंसस सामोली किस्कू, मुखिया मरियम टुडू, सागोरी, अबरार, श्रीकिसुन, अमित, बदन बेसरा, कम्पास किस्कू, मति मुर्मू आदि ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भीषण गर्मी के लिए पर्यावरण में हो रही क्षति प्रमुख कारण है. जलवायु संकट व भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने, प्लास्टिक के उपयोग बंद करने, बचे हुए वृक्षों को संरक्षित करने की सामूहिक प्रयास करना होगा. मोटा अनाज लगाने और उसके उपयोग के जोर देने पर बल दिया. ग्रामीणों ने पेड़ों को लगाने के साथ उसे संरक्षित करने का संकल्प लिया. आदिवासी संगम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक वाद्य- यंत्र व खान-पान की प्रदर्शनी में लुप्त होते पारंपरिक औजार- हथियार, तैयार भोजन और अनाज को प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम का संचालन मति मुर्मू, अन्ना सोरेन, आनंद मरांडी व फागू बेसरा ने सामूहिक रूप से किया. मौके पर बालेश्वर हांसदा, सुखल बेसरा, फागू बेसरा, सोनावार बेसरा, सोनाराम हांसदा समेत दर्जनों ग्रामीण महिला- पुरुष उपस्थित थे.
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