वरीय संवाददाता, देवघर . मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चितरपोका में बुधवार सुबह 10 बजे से शिक्षण व अध्यापन का कार्य पुन: शुरू हो गया. इस विद्यालय में बीते 28 नवंबर से ही शिक्षण गतिविधियां प्रभावित हो गयी थी, मगर आज एक बार नये शिक्षकों के विद्यालय में आ जाने के बाद स्कूली छात्र-छात्राओं के विद्यालय में आने से रौनक लौट आयी और बच्चे व नये शिक्षकों के आने के बाद पुन: एक बार पढ़ाई शुरू हो गयी. समस्या के निष्पादन के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक मधुकर कुमार की ओर से विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों का तबादला कर दिया गया है. तबादले की घोषणा के साथ विद्यालय में नये शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गयी है.
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का तबादला अब प्राथमिक विद्यालय सीरी देवीपुर में
विद्यालय की सहायक शिक्षिका सह प्रधानाध्यापिका चांदनी कुमारी को उत्क्रमित मध्य विद्यालय चितरपोका से प्राथमिक विद्यालय सीरी देवीपुर, सहायक शिक्षक इंद्रदेव कुमार को मध्य विद्यालय पहाड़ियाटांड़ देवीपुर, मनीष कांत को उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुर, मोहनपुर व सुंदर प्रसाद यादव को उत्क्रमित मध्य विद्यालय लतासारे भेज दिया गया है. इन बदलावों के उपरांत विद्यालय में नये शिक्षकों का भी आगमन हो चुका है. इसके अतिरिक्त आशीष कुमार गुप्ता को प्राथमिक विद्यालय सीरी, देवीपुर से उत्क्रमित मध्य विद्यालय चितरपोका में भेजा गया है, जबकि मो. शहाबुद्दीन को रामपुर से उत्क्रमित मध्य विद्यालय चितरपोका में, किशोर दास को उत्क्रमित मध्य विद्यालय लतासारे से चितरपोका और संजय मंडल को उत्क्रमित विद्यालय पहाड़िया टांड़ से उत्क्रमित मध्य विद्यालय चितरपोका में स्थानांतरित किया गया है. इन तबादलों के पीछे का उद्देश्य विद्यालय में शिक्षा का माहौल बेहतर बना रहे और विद्यालय में शांति व अनुशासन स्थापित हो सके, साथ ही विद्यालय की समुचित निगरानी अब स्कूल प्रबंधन समिति व स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा की जायेगी, ताकि कोई व्यवधान न हो सके.
मुखिया व बीआरपी भी पहुंचे विद्यालय, लिया जायजा
इधर, शिक्षकों के तबादले व नये शिक्षकों के योगदान के बाद मुखिया बिंदु मंडल और बीआरपी गणेश गौतम ने विद्यालय का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि विद्यालय में अब शांतिपूर्ण वातावरण में बच्चों को शिक्षा प्रदान किये जाने की उम्मीद है, साथ ही स्कूल में बाधित पढ़ाई की प्रक्रिया भी पुन: पटरी पर लौट सकेगी. उन्होंने कहा कि आज अच्छा लग रहा है जब बच्चे नियमित रूप से स्कूल आने लगे हैं और शिक्षा की गतिविधि शुरू हो रही है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे स्कूल की निगरानी करेंगे, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और विद्यालय में किसी प्रकार की अव्यवस्था का आलम न बन सके.
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