गृहमंत्री अमित शाह दो दिनों (चार और पांच फरवरी) के देवघर के दौरे पर थे. अपने प्रवास के दूसरे दिन रविवार को सुबह दिल्ली रवाना होने से पहले श्री शाह यहां श्रीश्री ठाकुर अनुकुलचंद्र सत्संग आश्रम गये. सत्संग आश्रम में वह श्रीश्री ठाकुर के प्रपौत्र आचार्य देव अर्कद्युति चक्रवर्ती उर्फ बबाय दा से मिले. लगभग 10 मिनट तक उनकी बातचीत हुई. बातचीत में आचार्य देव ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में उनकी पैतृक संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया है.
यदि वह पैतृक संपत्ति कब्जा मुक्त हो जाता, तो वहां श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी एक बड़ा स्मारक बनवाते. इस पर श्री शाह ने कहा कि सरकार उनकी पैतृक संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने के प्रति गंभीर है. बांग्लादेश की सरकार से पूरी गंभीरता से इस पर पहल हो रही है. जल्द ही सुखद समाचार मिलेगा.
आचार्य देव ने गृहमंत्री से कहा : आपके राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से हम प्रभावित हैं. आपने जो बड़े-बड़े ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं, विशेषकर कश्मीर को लेकर, वह देशभक्ति का उदाहरण है.
हम आपलोगों के साथ हैं, आपकी नीतियों के साथ हैं. आचार्य देव ने कहा कि श्रीश्री ठाकुर के इस आश्रम में बड़े-बड़े लोगों का आना हुआ है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी श्रीश्री ठाकुर के शिष्य थे. हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी आये थे. आपसे बहुत दिनों से मिलना चाहता था. इस पर श्री शाह ने कहा कि जब आप दिल्ली आयें, मुझसे मिल सकते हैं. बातचीत के दौरान गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ निशिकांत दुबे भी साथ थे. गृहमंत्री ने सांसद श्री दुबे से कहा कि आचार्य देव जब भी दिल्ली में मिलना चाहें, आप को-ऑर्डिनेट करा दें.
जब भी दिल्ली आयें, जरूर मिलें, सांसद निशिकांत दुबे को को-ऑर्डिनेट करने को कहा
हम आपकी नीतियों के साथ, बांग्लादेश में श्रीश्री ठाकुर का बड़ा स्मारक बनवाने की इच्छा
सत्संग आश्रम में प्रवेश करने के बाद गृहमंत्री, उनकी पत्नी और सांसद निशिकांत श्रीश्री ठाकुर और ठाकुर मां की समाधि पर गये और उनकी प्रतिमा को नमन किया. इस दौरान आश्रम के प्रतिनिधि मलय सरकार ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की. आश्रम की महत्ता की जानकारी दी. इस क्रम में सांसद डॉ दुबे ने भी श्रीश्री ठाकुर के बारे में, बांग्लादेश से उनके कनेक्शन के बारे में चर्चा की. वहीं, आचार्य देव के पास पहुंचने पर स्वयं उन्होंने गृहमंत्री का स्वागत किया और प्रशाल में बैठकर बातचीत की.
देवघर में श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के सत्संग आश्रम जाने का सौभाग्य मिला. अनुकूलचंद्र जी न सिर्फ एक दार्शनिक थे, बल्कि चिकित्सक भी थे. उनका जीवन गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित रहा. आश्रम में उनके प्रपौत्र आचार्य देव अर्कद्युति चक्रवर्ती जी से मिलने का अनुभव सुखद रहा.