जसीडीह इंडस्ट्रियल एरिया में राज्य का पहला इफको के नैनो तरल यूरिया खाद कारखाने का शिलान्यास गृह मंत्री सह सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया. समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि तरल यूरिया भूमि संरक्षण के लिए बहुत जरूरी है. पीएम मोदी ने भी भूमि संरक्षण को प्रमुख मुद्दा बनाया है. प्राकृतिक खेती, ऑर्गेनिक खेती व नैनो यूरिया के उत्पादन जैसे भूमि संरक्षण के कार्यों को गति देने को मोदी सरकार ने प्राथमिकता दी है.
श्री शाह ने कहा कि बाबा की नगरी में प्रति वर्ष छह करोड़ बोतल तरल यूरिया का उत्पादन होगा, इससे अब छह करोड़ बैग यूरिया आयात नहीं करना पड़ेगा. यह भारत को खाद के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में बहुत कारगर होने वाला है. नैनो तरल यूरिया का पहला कारखाना गुजरात में पीएम मोदी ने स्थापित कराया था. 500 ग्राम के तरल यूरिया की बोतल पूरी एक थैली यूरिया का विकल्प है. कई जगह किसान यूरिया भी डालते हैं व तरल यूरिया का छिड़काव भी करते हैं. ऐसा करने से फसल व भूमि का भी नुकसान होता है. तरल यूरिया का छिड़काव करेंगे, तो उत्पादन बढ़ेगा, यह इफको की गारंटी है. किसान जब तरल यूरिया का उपयोग करते हैं, तो बाद में दानेदार यूरिया खाद को डालने की जरूरत नहीं पड़ती है.
नैनो तरल यूरिया का अनुसंधान धरती माता के संरक्षण के लिए किया गया है. केमिकल फर्टिलाइजर जब भूमि में जाता है, तो केंचुए को मार देता है. केंचुआ कुदरती खाद बनाता है. जब तरल यूरिया का छिड़काव करेंगे, तो भूमि को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा. दानेदार खाद की वजह से दुनिया के कई देशों में भूमि पत्थर व सीमेंट की तरह हो गयी है. इन देशों में उत्पादन 10 फीसदी से भी कम रह गया है. पूरी दुनिया में सबसे पहले इफको ने नैनो यूरिया बनाया है, यह भारत के लिए गौरव की बात तो है ही, सहकारिता क्षेत्र के लिए भी गौरव की बात है. अब इफको तरल डीएपी की ओर बढ़ रहा है. पीएम मोदी सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लेकर आये हैं. उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता पर 26 फीसदी इनकम टैक्स लगता था, अब इसे कम करके 15 फीसदी पर ला दिया गया है. जितनी भी नयी सहकारिता इकाइयां लगेंगी, उनमें 26 की जगह 15 फीसदी टैक्स लगेगा.
श्री शाह ने कहा कि इस बार बजट में विश्व की सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव अन्न भंडार योजना लायी जा रही है. इससे पैक्सों की आय बढ़ेगी. केंद्र सरकार ने विगत तीन फरवरी को ही पैक्स को कम्युनिटी सेंटर को मान्यता दे दी है. अब केंद्र व राज्य सरकार की 300 सेवाएं पैक्स से मिलेंगी. पैक्स में जन्म-मुत्यु प्रमाण पत्र, टिकट बुकिंग, बैंकिंग आदि सुविधा समेत 300 सेवाएं शामिल होंगी. इसमें आइटी मंत्रालय ने सहकारिता मंत्रालय को सहयोग किया है.गृहमंत्री ने कहा कि पूरे देश में सहकारिता मंत्रालय ने एक सहकारिता डेटा बैंक बनाने का काम किया है. अब यह चिह्नित होगा कि कौन सी पंचायत में पैक्स, डेयरी, मछुआरा कोऑपरेटिव सोसाइटी नहीं है.
मंत्रालय ने इसके लिए बहुत बड़ी राशि उपलब्ध करायी है. इसके तहत अगले पांच वर्ष में दो लाख पैक्स का मल्टी डाइमेंशनल पैक्स का रजिस्ट्रेशन होगा. उन्होंने कहा देश के कई राज्य में अनाज गोदामों की संख्या कम रहने से किसानों का अनाज गोदाम तक पहुंचाने व गरीब तक आपूर्ति करने व ट्रांसपोर्टेशन में सरकार का 50% खर्च हो जाता है. केंद्र ने निर्णय लिया है कि हर प्रखंड में दो से पांच हजार टन की क्षमता वाले आधुनिक गोदाम बनाये जायेंगे, ताकि किसानों का अनाज गोदाम तक पहुंचाने के साथ गोदाम से एमडीएम व पीडीएस में आपूर्ति का परिवहन खर्च घट जाये. इफको के एमडी डॉ यूएस अवस्थी ने इस तरल यूरिया के लिए काफी मेहनत की है. इस कारखाने से झारखंड, बिहार, बंगाल व ओड़िसा में तरल यूरिया मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, क्षेत्रीय संगठन प्रभारी नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, कर्मवीर सिंह, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, अभयकांत प्रसाद, बजरंगी यादव समेत संताल परगना के कई नेता मौजूद थे.