देवघर, फाल्गुनी मरीक कुशवाहा : देवघर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिवाकर पांडेय की अदालत ने अनिल कुमार यादव हत्याकांड में फैसला सुनाया गया. इस कांड में नेपाल मरीक को अदालत ने दोषी पाकर सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल की सजा काटनी होगी. सजा पाने वाला दोषी मोहनपुर थाना के बारा गांव का रहने वाला है, इसकी उम्र 65 साल है. इन पर गोली मारकर अनिल कुमार यादव की हत्या कर देने का आरोप लगाया गया था.
तीन अक्टूबर, 2014 का मामला
यह मुकदमा मृतक के भाई नवल किशोर यादव के बयान पर तीन अक्तूबर, 2014 को मोहनपुर थाना में दर्ज हुआ था. इसमें नेपाल मरीक के अलावा बालेश्वर मरीक, नरेश मरीक, प्रभु मरीक, पलटू मरीक, संजय मरीक, वकील मरीक एवं बेला मरीक कुल आठ लोगों को नामजद किया था. एक आरोपी नेपाल मरीक का अलग ट्रायल चला, जिसमें अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने 10 लोगों ने गवाही दिलायी एवं दोष सिद्ध करने में सफल रहे, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता रुपेश कुमार सिंह ने पक्ष रखा, लेकिन दोषमुक्त कराने में विफल रहे. अन्य आरोपियों का ट्रायल अलग चल रहा है.
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क्या है मामला
दर्ज मुकदमा के अनुसार, सूचक का भाई अनिल कुमार यादव मवेशी चराकर घर लौट रहा था. गांव के निकट उपरोक्त सभी लोग जमा थे, जिन्होंने घेरकर अनिल के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया. घटना के दौरान नेपाल मरीक ने अनिल के सर में गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया एवं इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. घटना के संदर्भ में मोहनपुर थाना में केस दर्ज हुआ. पुलिस ने इस आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया. इसके बाद केस कमिट कर सेशन ट्रायल के लिए भेजा गया. पीडीजे की अदालत में अभियोजन एवं बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद इसे हत्या व आर्म्स एक्ट का दोषी पाकर उपरोक्त फैसला सुनाया गया. सभी सजाएं साथ चलेगी.