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देवघर : पंखे में फंदे से लटकता मिला एएनएम का शव, पुलिस ने बरामद किया

घटना की जानकारी मिले पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख सीएचसी पहुंचे और सीएचसी प्रभारी से घटना की जानकारी ली. कृषि मंत्री ने रोती मां और बहन के अलावा अन्य परिजनों को ढाढ़स बंधाया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2024 5:24 AM

सीएचसी के आवासीय क्वार्टर से सोमवार को पुलिस ने सीएचसी के एमसीएच में कार्यरत एएनएम ममता कुमारी का शव पंखे में फंदे से लटकता हुआ बरामद किया है. एएनएम ने फंदे से लटककर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सीएचसी से मिली जानकारी के अनुसार करीब 10:30 तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर कर्मियों ने उसके मोबाइल पर फोन लगाया. लेकिन महिला कर्मी ने फोन रिसीव नहीं किया. इधर कुछ कर्मी तबीयत खराब होने की आशंका पर क्वार्टर पहुचे तो देखा कि दरवाजा बंद है. इस बीच कुछ कर्मियों ने दरवाजे में ठोकर मारा, जिसके बाद दरवाजा खुल गया. कर्मियों ने बताया कि अंदर महिला कर्मी का शव पंखे में फंदा से लटका था, जिसके पैर नीचे पलंग पर था और एक कुर्सी पलंग पर पलट गयी थी. वहीं कुछ दूरी पर स्टील के गमले में गूंथा हुआ आटा पड़ा हुआ मिला. इसकी सूचना कर्मियों ने सीएचसी प्रभारी डॉ बीके सिन्हा को दी. वहीं मौके पर सीएचसी प्रभारी ने थाना प्रभारी प्रदीप लकड़ा को भी जानकारी दी. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ सीएचसी पहुंचे. पुलिस ने इसकी सूचना मृतका के परिजनों को भी दी. सूचना पाकर परिजन सीएचसी पहुंचे. बेटी के शव को देख मां और बहन के साथ अन्य परिजन दहाड़े मार कर रोने लगा, जिसे कर्मियों ने सांत्वना दी और शांत कराया. थाना प्रभारी ने बताया कि मां ने थाने में लिखित आवेदन दिया .

मां ने बेटी के तनाव में रहने की दी जानकारी

आवेदन में मृतका की मां दुमका जिला के हंसडीहा थाना के बनियारा गांव निवासी मंजू देवी ( 60 वर्ष ) ने कहा कि पिता की मृत्यु आठ साल पहले ही हुई थी, जिसके कारण ममता काफी तनाव में रहती थी. भाई नहीं रहने के चलते गांव में मां व छोटी-बहन थी. साथ ही अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा घर की देखरेख में खर्च करती थी. बताया कि उसकी शादी 2013 में हुई थी. एक पुत्र नौ वर्ष का व एक पुत्री छह वर्ष की है. उसकी शादी गरीब परिवार में हुई थी. मां ने बताया कि पारिवारिक खर्च पूरा करने के लिए बाजार में कुछ कर्ज हो जाने का कारण पुत्री तनाव में रहने लगी थी. इस लेकर बेटी से बात कि लेकिन हर बार टाल देती थी. 21 जनवरी की रात के करीब नौ बजे उसकी पुत्री दरवाजा बंद करके सो गयी थी. उन्हें जानकारी मिली थी कि एक दिन पूर्व उनका दामाद व दोनों बच्चे दीप जलाने के लिए हंसडीहा स्थित घर चले गये थे.

बादल पत्रलेख भी पहुंचे अस्पताल

घटना की जानकारी मिले पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख सीएचसी पहुंचे और सीएचसी प्रभारी से घटना की जानकारी ली. कृषि मंत्री ने रोती मां और बहन के अलावा अन्य परिजनों को ढाढ़स बंधाया. वहीं मंत्री ने फोन पर छोटी बहन को गोड्डा के मेघा डायरी में काम दिलाने के लिए गोड्डा डीसी से बात कि, साथ ही मृतका के नौ वर्षीय बेटे की पढ़ाई में सरकारी सहायता दिलाने की बात कही. पुलिस ने शव जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए देवघर भेज दिया. इस दौरान बीडीओ रजनीश कुमार, सीएचसी प्रभारी डॉक्टर बीके सिन्हा, थाना प्रभारी प्रदीप लकड़ा, जेएसआई उमेश कुमार, गुरुदयाल सब्बर, एएसआई आनंद कुमार सिंह, डॉ सुबोध कुमार वर्मा, डॉ जैकी शेखर, डॉ राजेश रंजन, समाजसेवी संजय राय, पंसस संजीव रंजन, विक्रम पत्रलेख, छोटू कुमार के साथ सीएचसी कर्मी और मृतिका के परिजन थे.

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