बाबा नगरी में आज से 250 रुपये में मिलेगा शीघ्रदर्शनम कूपन, अढ़इया मेले का हुआ समापन
शीघ्रदर्शन कूपन का दर 250 रुपये रहेगा. बाबाधाम में भक्तों को जल्द व सुलभ जलार्पण कराने के लिए शीघ्रदर्शनम कूपन की व्यवस्था की गयी है. इस व्यवस्था के तहत भक्तों को प्रशासनिक भवन के रास्ते से ही कतारबद्ध तरीके से गर्भ गृह तक भेजने की व्यवस्था है.
देवघर बाबा नगरी के प्राचीन मेले में शामिल अढ़इया मेला का मंगलवार को विधिवत समापन हो गया. अंतिम दिन कांवरियों की भीड़ भी काफी कम रही. दिन के दस बजे के बाद से ही कांवरियों की कतार फुट ओवरब्रिज में सिमट गयी थी. वहीं दोपहर तीन बजे के बाद पूरा ओवरब्रिज खाली रहा. वहीं बुधवार से शीघ्रदर्शन कूपन का दर 250 रुपये रहेगा. बाबाधाम में भक्तों को जल्द व सुलभ जलार्पण कराने के लिए शीघ्रदर्शनम कूपन की व्यवस्था की गयी है. इस व्यवस्था के तहत भक्तों को प्रशासनिक भवन के रास्ते से ही कतारबद्ध तरीके से गर्भ गृह तक भेजने की व्यवस्था है. पूर्व से चली आ रही व्यवस्था के तहत सावन, भादो, अढ़इया मेला, महाशिवरात्रि व बसंत पंचमी के अवसर पर कूपन का दर पांच सौ रुपये तय है, जबकि आम दिनों में कूपन का ढाई सौ रुपये तय है.
बता दें कि आश्विन मास में सोमवार को अढ़इया मेला के दूसरे दिन बाबा मंदिर में आस्था का जनसैलाब दिखाई दिया था. सोमवार को कांवरिये बारिश में पारंपरिक चंपा बाजा एवं ढोल की थाप पर नाचते-गाते बाबाधाम पहुंचते दिखाई दिये. शिवगंगा से लेकर पूरे कांवरिया पथ में कांवरियों का रेला दिखाई दे रहा था. रात के समय कांवरिये आकर्षक कांवर लेकर मंदिर परिसर में नाचते दिखे. अधिक भीड़ होने के कारण पट खुलने के पूर्व ही कतार जलसार चिल्ड्रेन पार्क तक पहुंच गयी थी. शीघ्र दर्शनम के रास्ते में भी जाम लगता रहा. इस प्राचीन मेला का समापन आज दोपहर बाद हो जायेगा. इससे पहले बाबा मंदिर का पट सुबह चार बजे खोला गया. पुजारी द्वारा दैनिक पूजा के बाद भक्तों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया गया. स्पर्श पूजा की व्यवस्था होने के कारण पूजा में वक्त लग रहा था. दोपहर दो बजे तक कतार को पंडित शिवराम झा चौक से ही संचालित किया जा रहा था. अधिक भीड़ होने के कारण मंदिर का पट बंद होते-होते रात के नौ बज गये.
शीघ्र दर्शनम के रास्ते में लगा रहा जाम
भक्तों के सुलभ जलार्पण के लिए शीघ्रदर्शनम के रास्ते में भी भीड़ लगी रही. शीघ्रदर्शनम की व्यवस्था का लाभ लेने के लिए 500 रुपये की दर से कूपन लेकर श्रद्धालु कतार में लगे, मगर यहां भी रुक-रुककर जाम लगता रहा. इस रास्ते से भी कांवरियों को दो से ढाई घंटे का समय लग रहा था. कूपन का काउंटर बंद होने तक कुल 7116 कांवरियों ने स्पर्श पूजा का लाभ उठाया था.
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