देवघर : बुधवार रात तक बाबा था स्वस्थ, शाम में साथी की मां से फोन पर हुई थी बात
गुरुवार को बाबा परिहस्त की मौत की खबर के बाद से ही परिजनों का अस्पताल में तांता लग गया. बाबा ने शाम को ही फोन में ही बात की थी और फिर अचानक से उसकी तबयित बिगड़ गयी.
देवघर : बाबा परिहस्त बुधवार देर रात तक भला चंगा था. सदर अस्पताल में बाबा की मौत के बाद पहुंचे परिजनों ने बताया कि देर रात एक बजे तक वार्ड में उसने टीवी भी देखी था, फिर अचानक यह सब कैसे हो गया समझ से परे है. परिजन यह भी कह रहे थे कि बाबा के साथ जेल में उसका सहयोगी अंकित व रोबिन भी काराधीन है. शाम में इनलोगों में से एक ने अपनी मां के साथ बातचीत की थी. उस क्रम में बाबा की भी बात करायी थी. इसके बाद रात में जेल के अंदर भोजन भी किया. परिजनों के अनुसार, हाल के कुछ दिनों से वह मांसाहारी भोजन भी नहीं करता था. वहीं कुछ भी नशे की आदत उसे नहीं थी. बावजूद देर रात में अचानक उसकी तबीयत कैसे बिगड़ी और एक बार उल्टी होने के बाद मृत हालत में सदर अस्पताल कैसे पहुंचा, जो संदेहास्पद लग रहा है. सदर अस्पताल के डीएस डॉ प्रभात रंजन से परिजन देर रात 3:00 बजे से 3:30 बजे तक का सीसीटीवी फुटेज दिखाने का आग्रह भी कर रहे थे. हालांकि अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए फुटेज उनलोगों को नहीं दिखाया गया. बाबा के चचेरे भाई राहुल कुमार परिहस्त ने मीडियाकर्मियों से कहा कि संदिग्ध हालत में उसके भाई की मौत जेल से अस्पताल लाने के दौरान हुई है. उसने प्रशासन ने जिम्मेदारी पूर्वक मामले की जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है.
दो केस में हो चुका था बेल, एक में हाइकोर्ट से बेल पर आज थी सुनवाई
देवघर सेंट्रल जेल में बाबा परिहस्त 23 दिसंबर 2023 से नगर थाना कांड संख्या 356/2023 भादवि 386, 34 एवं आर्म्स एक्ट सहित नगर थाना कांड संख्या 674/2023, भादवि की धारा 341, 332, 333, 353, 34 व आर्म्स एक्ट और नगर थाना कांड संख्या 241/2023 भादवि की धारा 341, 323, 452, 386, 387, 307, 427, 290, 34 के विचाराधीन बंदी के रूप में बंद था. दो मामलों में उसकी बेल हो चुकी थी. वहीं एक मामले में उसके बेल पर गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ट रांची में सुनवाई होनी थी. बाबा के परिजन सहित उसके अधिवक्ता ने बताया कि अगर हाइकोर्ट में आज उसके मामले में सुनवाई हो जाती, तो दो-तीन दिनों में शिवरात्रि के पूर्व उसका बेल हो जाता. अगर सुनवाई नहीं होती, तो बाबा के बेल होने की संभावना होली के बाद थी. इसके पहले 29 फरवरी की अहले सुबह 03:00 बजे अचानक तबीयत खराब होने के उपरांत कारा चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा दूरभाष पर की गयी अनुशंसा के आलोक में बाबा परिहस्त को तुरंत बेहतर इलाज के लिए कारा कक्षपालों की निगरानी में सदर अस्पताल भेजा गया, जिसे 03:20 बजे सदर अस्पताल के ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने ब्रॉड डेड घोषित कर दिया. बुधवार को ही बाबा के दो साथी बेल पर छूटे भी हैं.
सदर अस्पताल में रहा तनातनी का माहौल
सदर अस्पताल में दिनभर तनातनी का माहौल रहा. बाबा की मौत की सूचना पाकर उसके परिजनों, रिश्तेदारों सहित समर्थकों का सदर अस्पताल पहुंचने का सिलसिला सुबह चार बजे से ही शुरू हो गया था. जैसे-जैसे लोगों को सूचना मिली, वैसे-वैसे सभी सदर अस्पताल पहुंचने लगे. बेटे की सूचना पर मां भी सदर अस्पताल पहुंची. इसके अलावा उसके चचेरे भाई, चचेरी बहन सहित अन्य दर्जनों रिश्तेदार, बाबा के कई साथियों के महिला-पुरुष परिजन भी काफी संख्या में सदर अस्पताल पहुंचे. इस क्रम में सदर अस्पताल का माहौल सुबह से ही तनातनी का रहा. किसी तरह का हंगामा नहीं हो, इसके लिए काफी संख्या में पदाधिकारी सहित पुलिसकर्मियों को सदर अस्पताल में तैनात कर दिया गया था. सदर अस्पताल में नगर थाना प्रभारी राजीव कुमार के अलावा एसआइ ओपी सिंह, एसआइ प्रशांत कुमार, एएसआद हैदर अली, राजकुमार टुडू, रिखिया व कुंडा थाने के पदाधिकारी और काफी संख्या में सशस्त्र जवान, लाठी पार्टी व दो पीसीआर टीम मुस्तैद रहे. इस दौरान हो-हल्ला कर रहे एक युवक को नगर थाने की पुलिस ने कुछ घंटे अपनी गाड़ी पर बैठाये रखा.
शिवगंगा इलाके में अधिकांश दुकानें व बाजार की भी कुछ दुकानें रही बंद
घटना के बाद शिवगंगा इलाके की अधिकांश दुकानें व आजाद चौक के आसपास सहित बाजार की भी कुछ दुकानें बंद रही. हालांकि इनलोगों को किसी के द्वारा बंद नहीं कराया गया था. हंगामे की आशंका पर खुद दुकानदारों द्वारा अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी गयी थी. शिवगंगा इलाके व बाजार की दुकानों की बंदी की सूचना पर नगर थाने की पुलिस दिनभर अलर्ट रही. नगर थाना गश्ती दल पूरे इलाके में दिनभर नजर बनाये हुए था.
पोस्टमार्टम के बाद मोक्ष वाहन से बाबा का शव भेजवाया गया
पोस्टमार्टम के बाद सदर अस्पताल के मोक्ष वाहन से बाबा परिहस्त का शव उसके घर तक भेजवाया गया. इसके बाद घर से परिजनों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों द्वारा अंतिम दर्शन के बाद अर्थी में बाबा का शव शिवगंगा के सामने श्मशान घाट ले जाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान भी इलाके में पुलिस मुस्तैद होकर गश्ती करती रही.
15 दिन पूर्व जेल के अंदर बाबा का हुआ था विवाद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 15 दिनों पूर्व जेल के अंदर एक विरोधी बंदी मौसम ने साथ बाबा परिहस्त का विवाद हुआ था. उस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई थी. इसके बाद मौसम का घर बाबा गिरोह के सदस्यों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, जिसको लेकर मौसम की मां ने कुंडा थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी. हालांकि जेल के अंदर मौसम व बाबा के बीच के विवाद को लेकर किसी वरीय पदाधिकारी द्वारा उस वक्त पुष्टि नहीं की गयी थी.
रंगदारी व आर्म्स एक्ट के केस में बाबा परिहस्त 23 दिसंबर को गया था जेल
हत्या, रंगदारी व आर्म्स एक्ट सहित अन्य दर्जनों गंभीर आपराधिक कांडों के वांछित नगर थाना क्षेत्र के बैद्यनाथ लेन निवासी बाबा परिहस्त को पुलिस ने रंगदारी व आर्म्स एक्ट के मामले में 23 दिसंबर 2023 को कोर्ट में पेश कराया था और कोर्ट के निर्देश पर सेंट्रल जेल भेजा गया था. उस वक्त देवघर पुलिस मीडिया सेल द्वारा जानकारी दी गयी थी कि श्रावणी मेले में दुकानदारों से रंगदारी वसूलवाने को लेकर रंगदारी सहित आर्म्स एक्ट के तहत नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 356/23 में बाबा को पुलिस ने जेल भेजा था. वहीं उसके अधिवक्ता साथी नगर थाना क्षेत्र के भारती होटल के समीप निवासी राहुल भारद्वाज को सारठ थाने से बेल पर छोड़ा गया था. साथ ही बाबा के दूसरे साथी नगर थाना क्षेत्र के ही पंडित बीएन झा पथ निवासी मिलन मठपति को सारठ थाने की पुलिस द्वारा मधुपुर कोर्ट में पेश कराया गया था. मीडिया सेल द्वारा यह भी जानकारी दी गयी थी कि बाबा परिहस्त व मिलन मठपति को अधिवक्ता राहुल भारद्वाज ने अपना दोस्त बताया. तीनों देवघर से किराये की इनोवा गाड़ी लेकर कोलकाता गये थे. वहीं से लौट रहे थे, तो पुलिस को गुप्त सूचना सारठ थाना क्षेत्र में चेकिंग के दौरान बाबा परिहस्त का इनोवा गाड़ी से गिरफ्तार किया था. इस संबंध में सारठ थाने में एसआद प्रवीण कुमार की शिकायत पर भादवि की धारा 212 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज है. पुलिस सारठ थाने में तीन दिनों से इनलोगों को रखकर पूछताछ की थी. चालक सहित इनोवा गाड़ी को पुलिस ने पीआर लिखाकर सारठ थाने से ही मुक्त किया था.
चौथी बार पुलिस के हत्थे चढ़ा था बाबा परिहस्त
-पहली बार 17 नवंबर 2018 को चार सहयोगियों के साथ बाबा को पकड़ा था पुलिस ने
-दूसरी बार 29 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था-तीसरी बार पश्चिम बंगाल पुलिस व देवघर पुलिस ने संयुक्त छापेमारी में 11 नवंबर 2022 को मैथन से पकड़ा था
वरीय संवाददाता, देवघरदर्जन भर से अधिक गंभीर अपराधिक मामलों में वांछित बाबा परिहस्त चौथी बार देवघर पुलिस के हत्थे चढ़ा था. जानकारी के मुताबिक, पहली बार बाबा परिहस्त को चार सहयोगियों के साथ देवघर पुलिस ने 17 नवंबर 2018 को गिरफ्तार किया था. वहीं दूसरी बार 29 दिसंबर 2020 को पुलिस ने बाबा को गिरफ्तार किया था. तीसरी बार पश्चिम बंगाल पुलिस के सहयोग से देवघर पुलिस की छापेमारी टीम ने मैथन में 11 नवंबर 2022 को दो सहयोगियों के साथ थार गाड़ी में आ रहे बाबा परिहस्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
पुलिस बाबा पर लगवा चुकी थी सीसीए
बाबा पर देवघर पुलिस कई बार सीसीए भी लगवायी थी. जेल में रहने के बाद भी बाबा पर रंगदारी वसूलवाने का आरोप लगता रहा था. हाल के दिनों में तो श्रावणी मेले के दौरान बाजार से रंगदारी वसूलवाने का भी आरोप बाबा पर लगा था. वहीं श्रावणी मेले के दौरान पुलिस ने बाबा के 10 सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजने का दावा किया था. दूसरी ओर शयनशाला के सामने वर्चस्व को लेकर हुई फायरिंग में भी पुलिस ने बाबा के सहयोगियों को भी चिह्नित किया था. चार दिसंबर 2023 को बंपास टाउन खोरादह के समीप जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंचे बाबा ग्रुप के सदस्यों द्वारा नगर थाने के एसआइ अनुप कुमार के साथ धक्का-मुक्की किये जाने का मामला सामने आया था. मामले में बाबा ग्रुप के एक सदस्य को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उस मामले में एसआइ के बयान पर बाबा सहित उसके आठ सहयोगियाें के खिलाफ पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग कर जमीन पर कब्ज दिलाने के प्रयास व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. जानकारी के मुताबिक, बाबा परिहस्त मई 2023 में ही जमानत पर जेल से छूटा था. इसके बाद भी उसके खिलाफ लगातार आपराधिक मामले नगर थाने में आते रहे. अंतत: पुलिस ने कोलकाता से लौटने के दौरान सारठ चौक पर 23 दिसंबर 2023 को दो साथियों के साथ बाबा को चौथी बार गिरफ्तार किया था.
जेल कस्टडी में ही हुई थी बाबा के भाई सोनू की मौत
बाबा परिहस्त की मां को छोड़कर अब परिवार में कोई बचा ही नहीं है. करीब सात साल पूर्व बाबा के पिता गणेश परिहस्त की मौत हो चुकी है. वहीं उसका छोटा भाई सोनू परिहस्त वर्ष 2022 में ही देवघर सेंट्रल जेल में काराधीन था. उस वक्त तबीयत बिगड़ने पर करीब आठ-10 दिनों तक सोनू सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती रहा था और इलाज के दौरान 10 अप्रैल 2022 को सोनू परिहस्त की भी काराधीन हालत में ही मौत हो गयी थी.
श्रावणी मेला में दुकानदारों से रंगदारी वसूली में चर्चित हुआ बाबा
हाल के कुछ वर्षों से बाबा परिहस्त श्रावणी मेला के दौरान दुकानदारों से रंगदारी वसूली में चर्चित हुआ. इसके बाद बाजार के दुकानदारों से रंगदारी वसूली में उसका नाम आने लगा, फिर टेंपू स्टैंड सहित अन्य रंगदारी मामलों में भी उसका नाम आया. इसके बाद टेंपू से रंगदारी मामले में ही उसके एक रिश्तेदार की अवंतिका गली में करीब 12 साल पूर्व चाकू गोदकर हत्या कर दी गयी. उस हत्याकांड के बाद एक विरोधी ग्रुप के सदस्य की हत्या में बाबा का नाम उछला. इसके बाद से ही धीरे-धीरे कई गंभीर अपराध में बाबा का नाम आता गया. फिलहाल बाबा पर नगर, कुंडा, रिखिया व जसीडीह थाना के दो दर्जन संगीन अपराध के मामले दर्ज थे.
हाल के दिनों में जमीन की रंगदारी व टेंडर मैनेज में भी बाबा का वर्चस्व
हाल के दो-तीन वर्षों से जमीन को लेकर रंगदारी मामले में व नगर निगम इलाके के टेंडर मैनेज कराने में भी बाबा परिहस्त का नाम आने लगा था. इन दोनों धंधे में बाबा का धीरे-धीरे वर्चस्व कायम हो गया था. तीन-चार वर्षों के दौरान बाजार स्थित नरसिंह टॉकीज के सामने बाबा के कथित प्राइवेट ऑफिस पर भी पुलिस ने तीन बार छापेमारी की थी. मौके पर टेंडर मैनेज व जमीन रंगदारी की हिसाब लिखी डायरी सहित कई दस्तावेज बरामद हुआ था. एक बार तो अवैध हथियार भी पुलिस ने बरामद की थी. इसके बाद दिसंबर 2021 में शिवगंगा के समीप स्थित एक आश्रम से काफी हथियार के साथ बाबा ग्रुप के कुछ सदस्य पकड़े गये थे.
देवघर जेल में एक विचाराधीन बंदी की पहले भी हो चुकी है मौत
दिसंबर 2003 में देवघर जेल में विचाराधीन बंदी राजेश उर्फ बादल मिश्रा को शराब में जहर मिलाकर कुछ बंदियों द्वारा पिलाया गया था. इसके बाद उसकी सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी. इसके बाद जेल में व जेल के बाहर काफी हंगामा भी हुआ था. जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी 2003 को चुन्ना झा हत्याकांड में राजेश उर्फ बादल की गिरफ्तारी हुई थी. इस कांड में कई अन्य का भी नाम आया था. इसके बाद दिसंबर 2003 में जेल के अंदर साजिश कर बादल उर्फ राजेश को शराब में जहर मिलाकर पिला दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी.