देवघर के बड़बाद पैक्स अध्यक्ष पर धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप, दो साल में 3 गुना बढ़ा जमीन का रकबा

jharkhand news: देवघर के बड़बाद पैक्स अध्यक्ष पर धान बिक्री में गड़बडी करने का आरोप लगा है. इस मामले की जांच कर बीसीओ ने रिपोर्ट असिस्टेंट रजिस्ट्रार को भेज दी है. इस जांच रिपोर्ट में कई बातें सामने आयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 6:21 PM

Jharkhand news: देवघर जिला अंतर्गत सारठ प्रखंड के बड़बाद पैक्स अध्यक्ष विशेश्वर महतो पर अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम से पैक्स में धान बिक्री करने में गड़बड़ी का आरोप लगा है. सारठ प्रखंड के बीसीओ ने इसकी जांच रिपोर्ट असिस्टेंट रजिस्ट्रार विजय कुमार नागर को भेजी है.

बीसीओ की रिपोर्ट के अनुसार, बड़बाद पैक्स अध्यक्ष विशेश्वर महतो ने एक ही परिवार के नाम से 5 आईडी अंतर्गत कुल 976 क्विंटल धान का उपज होना संशय पैदा करता है. रिपोर्ट के अनुसार, विशेश्वर महतो अपनी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधू के नाम से रजिस्टर्ड आईडी में जमीन का रकबा दो साल पहले जितना दिया था, ठीक दो साल बाद जमीन का रकबा उन्हीं लोगों के नाम से तीन गुना हो गया है.

पैक्स अध्यक्ष विशेश्वर महतो के नाम से कराये गये किसान आईडी रजिस्ट्रेशन में ग्राम बड़बाद अंकित है, लेकिन एमएसपी सेंटर पालोजोरी प्रखंड के काकी पैक्स में है. ऐसा क्यों किया यह जांच का विषय है. उक्त आईडी में कैटेगरी अनुसूचित जनजाति अंकित कराया गया है, जबकि विशेश्वर महतो ओबीसी वर्ग में हैं.

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श्री महतो के आईडी का रजिस्ट्रेशन 10 मार्च, 2017 को किया गया, जिसमें पहली बार 4 एकड़ सिंचित भूमि का आंकड़ा अंकित किया गया, लेकिन बाद में तीन एकड़ एवं उसके अगले वर्ष पांच एकड़ भूमि का रकबा बढ़ा पाया गया. इस प्रकार उक्त आईडी में 4 एकड़ से जमीन का रकबा 12 एकड़ बढ़ा लिया गया है. नियमानुसार रजिस्ट्रेशन के दौरान एक ही बार जमीन का रकबा रजिस्टर्ड किया जाता है.

रजिस्टर्ड किसान आईडी में पत्नी का नाम ओबीसी वर्ग में और पति का वर्ग एससी वर्ग में

पैक्स अध्यक्ष विशेश्वर महतो की पत्नी के नाम से किसान आईडी 16 फरवरी, 2019 को रजिस्टर्ड किया गया था, जिसमें ओबीसी वर्ग अंकित है. जबकि पैक्स अध्यक्ष विशेश्वर महतो अपने आईडी में अनुसूचित जनजाति अंकित कराया है. पत्नी मालती देवी पर एमएसपी सेंटर पालोजाेरी प्रखंड के काकी पैक्स में कराया गया है. इस आईडी में जमीन का रकबा 10 एकड़ दिखाया गया है. दूसरे साल तीन एकड़ जमीन की वृद्धि की है.

इस प्रकार पति-पत्नी ने मिलकर 12 एकड़ और 13 एकड़ कुल 25 एकड़ जमीन अपने-अपने आईडी में अंकित कराकर प्रति एकड़ सरकारी दर से कुल 400 क्विंटल धान का अवैध रूप से एमएसपी का भुगतान के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है. इन दोनों ने काकी पैक्स में कुल कितना क्विंटल धान बेचा है और कितना भुगतान प्राप्त किया है, यह जांच का विषय है.

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Posted By: Samir Ranjan.

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