झारखंड: नहीं सुन रहा बैंक, तो आरबीआई लोकपाल से ऐसे करें शिकायत, चुटकी में समस्या का होगा समाधान
झारखंड आरबीआई लोकपाल ने बताया कि लालच में आकर भोले-भाले लोगों से साइबर फ्रॉड हो रहा है. ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है. बैंकों द्वारा भी इस समस्या से निदान के लिए पहल शुरू की गयी है. कई बैंकों द्वारा वित्तीय लेनदेन के तुरंत बाद बैंक द्वारा फोन कर सूचित किया जा रहा है.
देवघर: इंडोर स्टेडियम में शुक्रवार को रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता आरबीआई लोकपाल झारखंड राजीव शंकर ने की. लोकपाल ने कहा कि अगर बैंकों में वित्तीय लेन-देन में किसी भी प्रकार की शिकायत है तो पहले संबंधित बैंक के अधिकारियों को शिकायत करें. बैंक यदि आपकी नहीं सुन रहा है. शिकायत का 30 दिनों के अंदर समाधान नहीं हो रहा हो या बैंकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी से आप असंतुष्ट हैं, तब ग्राहक आरबीआई लोकपाल से शिकायत करें. निश्चित आपकी समस्या का समाधान होगा. उन्होंने जानकारी दी कि बैंक के कार्य से असंतुष्ट खाताधारकों द्वारा देशभर में प्रतिमाह एक लाख के करीब शिकायत दर्ज की जा रही है. पिछले वर्ष 10.50 लाख शिकायतें मिली थीं, लेकिन इस वर्ष यह आंकड़ा 12 लाख पार कर जाने की उम्मीद है.
जागरूकता से ही साइबर फ्रॉड पर लगेगा अंकुश
झारखंड आरबीआई लोकपाल ने बताया कि लालच में आकर भोले-भाले लोगों से साइबर फ्रॉड हो रहा है. ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है. बैंकों द्वारा भी इस समस्या से निदान के लिए पहल शुरू की गयी है. कई बैंकों द्वारा वित्तीय लेनदेन के तुरंत बाद बैंक द्वारा फोन कर सूचित किया जा रहा है. अगर खाताधारकों से अवैध लेनदेन हुआ है तो वो इसकी शिकायत उचित प्लेटफार्म पर तुरंत करें, जल्द ही बैंकों द्वारा अत्याधुनिक तकनीक अपना कर साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाया जा सकता है.
शिकायत करें नि:शुल्क है ये सेवा : उपलोकपाल
कार्यक्रम में उपलोकपाल राज कुमार भोई ने कहा कि आम ग्राहकों के वित्त संबंधी समस्याओं के लिए निबटारे के लिए यह फोरम है. जिन्हें उनके बैंक में नहीं सुना जा रहा है, वैसे ग्राहक लोकपाल में शिकायत करें, यह सेवा बिल्कुल नि:शुल्क है.
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कैसे करें शिकायत
आरबीआई एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं के उपयोग करने वाले ग्राहकों को उनके विभिन्न अधिकारों के बारे में उनके बीच जागरुकता पैदा करना है. ग्राहकों के लिए उपलब्ध बैंकों के आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के बारे में जानकारी देना. स्थानीय स्तर से असंतुष्ट लोगों के लिए लोकपाल के कार्यालय में बड़ी आसानी से शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. इसके लिए पोटर्ल https://cms.rbi.org.in या टोल फ्री नंबर-14448 के द्वारा ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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ये सभी थे मंचासीन
इस कार्यक्रम में रवि शंकर चौधरी रिजनल मैनेजर एसबीआइ, रामजी द्विवेदी, अध्यक्ष, एसबीआइ पेंशनर्स एसोसिएशन, आलोक कुमार मल्लिक, अध्यक्ष, संताल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स, रवि केशरी-अध्यक्ष, देवघर चैंबर और निशि कांत नीरज-जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जेएसएलपीएस, देवघर मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन उप लोकपाल ने किया.
मिलकर बनायें बेहतर वित्तीय प्रणाली
एसबीआई देवघर डीजीएम विश्वरंजन आचार्य ने कहा कि बैंक हमेशा ग्राहकों को बेहतर सेवा देने को तत्पर रहते हैं. फिर भी ग्राहकों को संतुष्टि नहीं मिलती है या उनके विवादों का निबटारा नहीं होता है तो पहले बैंक के उच्चाधिकारियों को शिकायक करें, वहां निवारण नहीं हो तब लोकपाल में जायें. हम सभी को मिलकर एक सशक्त वित्तीय प्रणाली बनाना चाहिए ताकि बैंक अपने ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवा दे सके.
लोन लेने जायें तो बैंक इन्वेस्टमेंट का बनाते हैं दबाव
देवघर चैंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष रवि केशरी ने कहा कि जब लोन के लिए बैंक जाइये तो लोन देने के पहले इन्वेस्टमेंट का दबाव बना देते हैं. यह हम जैसे व्यक्तियों को समझ में नहीं आता है कि बैंक बिना गारंटी का किसी व्यावसायिक घराने को 10000 करोड़ का लोन दे देती है और एनपीए होने पर उनका कर्ज किस कानून के तहत माफ होता है. लोकपाल को जनता को इस कानून के संबंध में बताना चाहिए.
सभी बैंकों में हेल्प डेस्क काउंटर हो
संताल परगना चैंबर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि सभी अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद अब भी बैंक संबंधी शिकायतों में अधिकतर निर्णय बैंक के पक्ष में ही जाते हैं. लोकपाल से अपेक्षा है कि इस गैप को कम करने की कोशिश की जाये. ग्राहकों की शिकायतों पर सापेक्ष ध्यान दिया जाये. उन्हें उनकी शिकायतों पर हो रही कारवाई की जानकारी दी जाये. सभी बैंकों में बैंकिंग संबंधित शिकायतों के लिए हेल्प डेस्क काउंटर होना चाहिए.