Basant Panchami 2021, Jharkhand News, Deoghar News, देवघर : देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर मंगलवार (16 फरवरी, 2021) को पूरे विधि- विधान से बाबा को तिलक चढ़ाया जायेगा. बाबा मंदिर इस्टेट की ओर से तिलकोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गयी है. मिथिलांचल से आये तिलकहरूओं से बाबानगरी पट गयी है. 50 हजार से अधिक भक्त बाबानगरी पहुंच चुके हैं. हर तरफ भजन-कीर्तन गाये जा रहे हैं.
मंगलवार (16 फरवरी, 2021) को बाबा की सरकारी पूजा में पुजारी सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा बाबा बैद्यनाथ पर गुलाल चढ़ा कर बाबा का तिलकोत्सव करेंगे. वहीं, शृंगार पूजा के समय मंदिर इस्टेट की ओर से आचार्य पिंकू महारा व पुजारी सरदार पंडा विधि पूर्वक लक्ष्मी नारायण मंदिर के बरामदे पर तिलक पूजा करेंगे. जबकि, तिलकहरूए सुबह से ही बाबा पर जलार्पण करने के बाद अबीर चढ़ाना शुरू कर देंगे. तिलक संपन्न होते ही शहर में जगह-जगह पर रुके तिलकहरु होली खेलना शुरू कर देंगे. परंपरा के अनुसार बाबा का तिलक होने के साथ ही मिथिलांचल में होली की शुरुआत हो जाती है.
बसंत पंचमी पर मंगलवार सुबह पट खुलते ही परंपरा अनुसार कांचा जल की पूजा होगी. उसके बाद बाबा बैद्यनाथ की दैनिक पूजा प्रारंभ होगी. यह पूजा महंत गुलाब नंद ओझा करेंगे. इसके बाद बाबा पर गुलाल चढ़ा कर बाबा का तिलकोत्सव करेंगे़ वहीं, शाम में शृंगार पूजा के समय मंदिर का पट खुलते ही सरदार पंडा बाबा पर जलार्पण करने के बाद बाबा को फूलेल चढ़ाया जायेगा. उसके बाद पूजा को बीच में ही रोक कर लक्ष्मी नारायण मंदिर के बरामदे पर उपचारक भक्ति नाथ फलहरी के अगुवाई में बाबा बैद्यनाथ की तिलक पूजा का आयोजन होगा.
Also Read: Jharkhand News : देवघर में क्या इस बार निकलेगी शिव बारात, 27 साल की परंपरा पर शिवरात्रि महोत्सव समिति ने क्या लिया निर्णयइस्टेट की ओर से आचार्य श्रीनाथ पंडित व पुजारी के तौर पर सरदार पंडा तिलक पूजा करेंगे. इस पूजा में बाबा को फूल, बिल्व पत्र के अलावा आम का मंजर चढ़ाया जायेगा़ साथ ही पुआ तथा बरी का भोग लगाने के बाद गुलाल अर्पित कर तिलक पूजा को संपन्न किया जायेगा. उसके बाद दोबारा शृंगार पूजा को आगे बढ़ाने के लिए गर्भ में प्रवेश कर बाबा को चंदन के बाद गुलाल चढ़ाया जायेगा. गुलाल चढ़ाने की परंपरा फाल्गुन पूर्णिमा तक जारी रहेगी.
बाबा के तिलकोत्सव में शामिल होने मिथिलांचल से आये हजारों की संख्या में भक्त शहर के विभिन्न जगहों पर डेरा जमाये हुए हैं. बसंत पंचमी पर जैसे ही बाबा का तिलक हो जायेगा, यानी सुबह की पूजा में अबीर चढ़ाते ही जगह-जगह पर भैरव पूजा का आयोजन होगा. पूजा में भैरव का प्रिय भोग मोतीचुर के लड्डू को अर्पित कर भैरव को गुलाल अर्पित कर एक-दूसरे के साथ जमकर होली खेली जायेगी. इस बाद पारंपरिक फाग गीत गाते हुए गुलाल उड़ा कर खुशी का इजहार कर घर लौटने की तैयारी में लग जायेंगे.
बाबाधाम आये तिलकहरुओं द्वारा भैरव पूजा में चढ़ाये गये गुलाल का विशेष महत्व है़ तिलकहरुए इस गुलाल को लेकर अपने-अपने घर जाते हैं. वहीं, इस गुलाल को वर-वधू एक- दूसरे के गाल में लगाकर अपनी शादी की पहली होली की शुरुआत करते हैं. यह परंपरा मिथिला में वर्षों से चली आ रही है.
Also Read: JharKhand News : मिथिलांचल के तिलकहरूओं से पटी बाबा नगरी, कल चढ़ायेंगे बाबा को तिलकमिथिलावासी अपने साथ घर से लाये हुए शुद्ध देसी घी मंगलवार को बाबा पर चढ़ायेंगे. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. बसंत पंचमी में तिलकहरुओं के द्वारा चढ़ाये गये देसी घी से ही बाबा मंदिर सहित परिसर में स्थित सभी मंदिरों में सालों भर अखंड दीप जलाया जाता है.
बाबाधाम आये तिलकहरुए आर मित्रा स्कूल, आरएल सर्राफ स्कूल, क्लब ग्राउंड, बीएड कॉलेज दो नंबर फाड़ी आदि दर्जनों जगहों पर ठहरे हुए हैं. ये तिलकहरुए भजन-कीर्तन गाते हुए बाबा के तिलक का इंतजार कर रहे हैं. इससे माहौल भक्तिमय बना हुआ है.
Posted By : Samir Ranjan.