10 मरीजों का बेड तैयार, 16 महीने से वार्ड पर लटका है ताला
सदर अस्पताल के पैलिएटिव केयर यूनिट में 16 महीने से ताला लटका हुआ है और यह निष्क्रिय पड़ा है.
15 लाख खर्च के बाद भी सदर अस्पताल का पैलिएटिव केयर यूनिट निष्क्रिय
संवाददाता, देवघरसदर अस्पताल के ऊपरी तल पर असाध्य रोगों तथा असहनीय दर्द झेलने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर यूनिट की शुरुआत की गयी है. इसकी शुरूआत के करीब 16 महीने से अधिक हो गये हैं, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल से करीब 15 लाख खर्च किये गये हैं. इस वार्ड में 10 बेड भी तैयार हैं और अलग से एएनएम के लिए कमरा, बाथरूम समेत अन्य सारी व्यवस्था की गयी है. लेकिन, वार्ड के उद्घाटन के बाद से ही यहां ताला लटका हुआ है और यह निष्क्रिय पड़ा है. इस वार्ड में ताला लटका हुआ है. जानकारी के अनुसार, इस यूनिट में आजतक एक भी मरीज की भर्ती नहीं हुई है. इसका कारण सदर अस्पताल में इस वार्ड की व्यवस्था होने को लेकर लोगों को जागरूक नहीं किया गया है. इस कारण ऐसे मरीज यहां भर्ती के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. हालांकि, कुछ मरीज इस स्थिति में अस्पताल आना भी नहीं चाहते हैं, जबकि एनसीडी सेल की ओर से यहां के लिए एक नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मी अलग से नियुक्त नहीं है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत के लिए बने वार्ड और पैलिएटिव केयर वार्ड के लिए अलग से स्टाफ की मांग की गयी है. स्टाफ मिल जाने के बाद दोनों वार्ड को सुचारू रूप से चालू किया जायेगा.डॉ प्रभात रंजन, अस्पताल उपाधीक्षक
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