देवघर में एक माह तक चलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अभियान, अधिकारियों को मिला आवश्यक दिशा निर्देश
वर्चुअल बैठक में डीडीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस अभियान में बच्चों का शत-प्रतिशत जन्म प्रमाण पत्र बनायें और मृत्यु का निबंधन भी अधिक से अधिक हो.
देवघर में 14 जुलाई से 14 अगस्त तक जन्म-मृत्यु प्रमाण बनाने का विशेष अभियान चलाया जायेगा. जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों का प्रमाण पत्र बन सके. यह जानकारी डीडीसी डॉ ताराचंद ने बैठक में दी. वर्चुअल बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस अभियान में बच्चों का शत-प्रतिशत जन्म प्रमाण पत्र बनायें और मृत्यु का निबंधन भी अधिक से अधिक हो.
इस अभियान की सफलता के लिए सभी बीडीओ, प्रखंड चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी (एमओआइसी), सीडीपीओ लग जायें. डीडीसी ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य सहिया और स्कूलों के प्रधानाध्यापक सूचक और सर्वे का काम करेंगे.
एक सप्ताह तक सर्वे कर वैसे बच्चों का निबंधन कराया जायेगा, जिनका किसी कारणवश जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है. उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म के 21 दिन तक पंचायतों में आवेदन देकर निःशुल्क प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है. जन्म के एक महीने बाद और एक वर्ष तक बीडीओ को एफिडेविट के साथ आवेदन देकर प्रमाण पत्र निर्गत कराया जाता है. एक वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देना होता है.
निबंधन जरूरी है, अवश्य करायें : जिला सांख्यिकी पदाधिकारी
बैठक में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी कमलेश कुमार ने जानकारी दी कि जन्म-मृत्यु का निबंधन जरूरी है, अवश्य करवायें. जन्म-मृत्यु निबंधन में होने वाली समस्याओं को दूर करने की जानकारी के अलावा विभिन्न प्रपत्रों को भर कर आवेदन करने की प्रक्रिया की जानकारी उन्होंने दी.
विभाग द्वारा जारी आदेश के अलावा जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र समय पर निर्गत करने एवं शतप्रतिशत ऑनलाइन के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़े विभिन्न बिंदुओं से भी अवगत कराया. ऑनलाइन बैठक में सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी रणबीर सिंह, डीइओ टोनी प्रेम राज टोप्पो, डीएसडब्ल्यूओ रुन्नु मिश्रा, सभी प्रखंडों के बीडीओ, एमओआइसी, सीडीपीओ, एपीआरओ रोहित विद्यार्थी आदि शामिल थे.