देवघर, संजीत : बीएड कॉलेज मैदान में गुरुवार को 20वां पुस्तक मेले का रंगारंग आगाज हुआ. मेले का उदघाटन मुख्य अतिथि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने की. इस अवसर मुख्य अतिथि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत ने कहा कि आज की पीढ़ी को देवघर के इतिहास की पूरी जानकारी होनी चाहिए. देवघर के इतिहास को दर्शाती समग्र किताब आज तक लिखी ही नहीं गयी. कुछ लिखी भी गयी हैं तो वो पूरी नहीं है, जबकि देवघर में साक्षात बाबा बैद्यनाथ हैं, ठाकुर अनुकूलचंद आश्रम और रिखिया आश्रम जैसे आध्यात्मिक केंद्र हैं.
कई महान व्यक्तित्व का देवघर आगमन हुआ है. देवघर में स्वामी विवेकानंद, श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद, स्वामी सत्यानंद सरस्वती, महर्षि अरविंद, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, नजरुल इस्लाम जैसे महान लोगों का आगमन हुआ. 1908 में डिगरिया पहाड़ पर बम परीक्षण, इससे पहले सिपाही विद्रोह का भी इतिहास रहा है. यहां महात्मा गांधी ने विरोध झेला. देवघर में पीसी घोष, आरएन बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पूर्व मुख्यमंत्री विनोदानंद झा जैसे लोगों ने अपना योगदान दिया है. सांसद ने कहा : पास ही मंदार पर्वत है जो बेचारगी पर रो रहा है. विक्रमशिला है, जिस वक्त बख्तियार खिलजी ने विक्रमशिला को जलाया था, तब उसने देवघर को कैपिटल बनाया था. देवघर के इस पौराणिक इतिहास को आज की पीढी नहीं जानती है. सांसद ने आग्रह किया कि अगले साल जब पुस्तक मेला लगे तो उसमें सतयुग से लेकर कलयुग तक देवघर के इतिहास को कंपाइल करके उसे समृद्ध पुस्तक का रूप दिया जाये, ये काम मेले की सार्थकता को सिद्ध करेगा.
सांसद डॉ निशिकांत ने इफको के एमडी से अनुरोध किया कि देवघर में आप नैनो खाद का उद्योग लगा रहे हैं. साहित्य से आपका और आपके परिवार का गहरा लगाव रहा है. इसलिए आग्रह है कि देवघर पुस्तक मेले का जिम्मा उठायें. सांसद ने कहा कि अब जिस ऊंचाई पर देवघर पुस्तक मेला पहुंच गया है, इसे किसी एमपी, एमएलए, अधिकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी. देवघर पुस्तक मेला जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल और दिल्ली बुक फेयर से भी उत्कृष्ट मेला बने, यही शुभकामना है. सांसद ने इफको के एमडी से आग्रह किया कि देवघर के बच्चों के लिए एक बढ़िया पुस्तकालय बनायें और इसका संचालन भी खुद ही करें.
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मेले के उदघाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद डॉ निशिकांत के हाथों कई विभूतियों को सम्मानित किया गया. इनमें साहित्य सेवी सम्मान : आभा कला चंदा, 1991 बैच की आइआरएस, मुख्य आयकर आयुक्त, लखनऊ और प्रवासी हिन्दी सम्मान : प्रो संजीता वर्मा-त्रिभुवन विश्वविद्यालय (काठमांडु, नेपाल) को दिया गया.
उदघाटन समारोह में पूर्व मंत्री केएन झा, इफको के एमडी यूएस अवस्थी, प्रभात खबर के देवघर संपादक कौशल किशोर त्रिवेदी, जमशेदपुर प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्रा, डॉ संजीता वर्मा और लखनऊ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की प्रधान आयकर आयुक्त आभा कला आदि ने भी संबोधित किया. स्वागत भाषण पुस्तक मेले के संयोजक डॉ सुभाष चंद्र राय ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मेला प्रभारी आलोक मल्लिक ने किया. मंच संचालन जाने माने उदघोषक राम सेवक सिंह गुंजन ने किया.
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने कहा कि आधुनिक युग में नेट, कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट से युवा पीढ़ी अधिक जुड़ी है. इस कारण युवा पीढ़ी की पुस्तकों के प्रति रुचि घटी है. पुस्तक से संस्कार मिलता है. युवा पीढ़ी पुस्तकों से जुड़ें, इसका प्रभाव जीवन भर रहेगा. उन्होंने देवघरवासियों से अपील की कि देवघर पुस्तक मेले में आयें, खासकर युवा पीढ़ी किताबें अवश्य खरीदें और पढ़ें. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को बाबा मंदिर के बारे में उतनी जानकारी नहीं है. आज की पीढ़ी ने तमाम स्रोतों को पैसा कमाने की दिशा में डायवर्ट कर दिया है. इसलिए हमें खुद को पहचानने की जरूरत है. इस ज्ञान यज्ञ में हर संभव सहयोग देंगे.
देवघर पुस्तक मेले में लखनऊ से आयी प्रधान आयकर आयकर आयुक्त आभा कला चंदा ने कहा कि साहित्य ऐसी चीज है जो आपको बनाता है, आपमें संस्कार भरता है. जब भी विचलित होते हैं तो आपको बिखरने से बचाता है. उन्होंने कहा कि देवघर पुस्तक प्रेमियों का नगर है. बाबा बैद्यनाथ की नगरी में इस स्तर का पुस्तक मेला वास्तव में ज्ञान की गंगा को प्रवाहित करता है. इस अवसर पर उन्होंने गंगा पर लिखी एक कविता सुनायी.
काठमांडु से आयी डॉ संजीता वर्मा ने कहा कि पुस्तक लोगों में संस्कार का प्रवाह करता है. इससे जीवन जीने की शैली पता चलती है. ये हमें सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं. डॉ वर्मा ने कहा कि सारे कामकाज के बाद समय निकाल कर हम महिलाएं साहित्य का सृजन करतीं हैं. उन्होंने लोगों से पुस्तकें पढ़ने और खरीदने की अपील की.
पुस्तक मेले के उद्घाटन समारोह में प्रभात खबर देवघर के संपादक कौशल किशोर त्रिवेदी ने आज के समाज में किताब से अधिक शराब की बिक्री पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि जो आंकड़े देवघर में देखने को मिले हैं, वह वास्तव में चिंता में डालने वाली है. आज किताबों की स्थिति यह हो गयी है कि एक वर्ष में 17-18 करोड़ की किताबें भी नहीं बिकतीं हैं. वहीं वर्ष भर में 150 करोड़ की शराब की बिक्री हो रही है. युवा पीढ़ी को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि किताबों के प्रति रुचि बढ़ायें. उन्होंने देवघर के लोगों से आह्वान किया कि हम आप सब मिलकर ऐसा समाज बनायें, जिसमें शराब से अधिक किताब बिके.
प्रभात खबर जमशेदपुर के संपादक संजय मिश्रा ने कहा कि देवघर पुस्तक मेला का आयोजन अब कभी भी रूकने वाला नहीं है. यह निरंतर आयोजित होता रहेगा. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि खुद भी आयें और अपने बच्चों को भी मेले में भेजें और कम से कम एक पुस्तक जरूर खरीदें. श्री मिश्रा ने गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे से आग्रह किया कि देवघर में एक बड़ी लाइब्रेरी बनाने की पहल करें. मंचासीन अतिथियों में इफको के मार्केटिंग मैनेजर योगेंद्र, डॉ संजय कुमार, मोतीलाल द्वारी, पुस्तक मेला समिति के अध्यक्ष युधिष्ठिर प्रसाद राय, सर्वेश्वर सिंह, प्रो रामनंदन सिंह, जवाहर सिंह, अरुण गुटगुटिया, रवि केशरी के अलावा सहयोग करने वालों में पवन टमकोरिया, निर्मल कुमार, विरेंद्र सिंंह, राकेश राय सहित समिति के सभी सदस्य मौजूद थे.