केंद्र सरकार के 15वीं वित्त आयोग से देवघर जिले की 194 पंचायतों के खाते में विकास योजना के लिए कुल 22 करोड़ रुपये भेजे गये हैं. इसमें अनटायड मद में 8.70 करोड़ व टायड मद में 13 करोड़ रुपये भेजे गये हैं. प्रत्येक पंचायत के खाते में छह-छह लाख रुपये भेजे गये हैं. इस राशि से गांवों में पीसीसी रोड, नाला सहित पेयजल व सफाई पर काम किये जायेंगे. इस राशि को ग्राम सभा के माध्यम से पूर्व में चयनित वैसी योजनाओं पर ही खर्च किया जायेगा, जिसे प्लान प्लस में अपलोड कर दिया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में ही सारी योजनाओं को पूरी कर ली जायेगी. उपयोगिता प्रमाण पत्र जल्द ही पंचायतीराज विभाग को समय पर उपलब्ध कराना होगा, तभी अगली किस्त की राशि केंद्र सरकार से मिल जायेगी.
15वीं वित्त आयोग से पंचायत समिति काे भी 4.32 करोड़ रुपये भेजे गये हैं. प्रत्येक पंचायत समिति को 35 से 40 लाख रुपये भेजे गये हैं. यह राशि पीसीसी रोड, आधारभूत संरचना, नाला, सफाई व पेयजल आदि योजनाओं पर खर्च की जायेगी. प्रमुख की अध्यक्षता में पंचायत समिति की बैठक में पारित वैसी योजनाओं पर राशि खर्च की जायेगी, जिसे प्लान प्लस में अपलोड किया जा चुका है. पंचायत समिति चालू वित्तीय वर्ष में ही सारी राशि खर्च की जानी है.
दुर्गा पूजा में भी देवघर जिले के 25,000 मनरेगा मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पायी है. देवघर में दो महीने से 25 हजार मजदूरों को भुगतान नहीं हो पाया है. जिले में करीब दो करोड़ रुपये मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बकाया है. विभागीय जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार से फंड विमुक्त नहीं होने के कारण इन मजदूरों के बैंक खाते में राशि नहीं पहुंच पायी है. प्रावधान के अनुसार, मनरेगा मजदूरों को कुल 255 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान होना है, इसमें 27 रुपये राज्य सरकार का अंश है तथा 228 रुपये केंद्र सरकार का अंश है. मनरेगा कोषांग के अनुसार राज्य सरकार का अंश 27 रुपये मजदूरों के खाते में भुगतान हो रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का अंश 228 रुपये पिछले दो महीने से भुगतान नहीं हो पा रहा है. हालांकि मनरेगा कोषांग द्वारा मजदूरों को दुर्गा पूजा से पहले बकाया मजदूरी का भुगतान किये जाने के लिए पत्राचार किया जा चुका है.
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