देवघर : गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से लोकसभा की विशेषाधिकार समिति में लाये गये प्रीविलेज के मामले में 30 जनवरी को मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी विशेषाधिकार समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे. मुख्य सचिव ने लोकसभा उपसचिव काे पत्र लिखकर समय मांगा है. वहीं देवघर के डीसी व एसपी विशेषाधिकार इसी तिथि पर विशेषाधिकार समिति के समक्ष उपस्थित होंगे. राज्य के मुख्य सचिव एल ख्यांगते ने संसद भवन के लोकसभा सचिवालय के उप सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्य से संबंधित अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का निर्देश दिया गया है. 31 जनवरी तक इस ट्रांसफर-पोस्टिंग का अनुपालन प्रतिवेदन चुनाव आयोग को उपलब्ध कराने का निर्देश है. भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों का अनुपालन करने के लिए यह काम समय पर पूरा करना काफी आवश्यक है. वहीं 20 जनवरी को इडी की मुख्यमंत्री से पूछताछ के बाद राज्य मुख्यालय में राजनीतिक दलों द्वारा लगातार विरोध- प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की जा रही हैं. मुख्यमंत्री से इडी की पूछताछ के मुद्दे पर 29 जनवरी की घटना ने भी स्थिति की संवेदनशीलता बढ़ा दी है.
ऐसे में राज्य में संवेदनशील कानून -व्यवस्था की स्थिति पर निगरानी के लिए मुख्यालय में मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी की उपस्थिति अनिवार्य है. वहीं 4 फरवरी को प्रधानमंत्री का झारखंड दौरे को देखते हुए बड़े पैमाने पर तैयारियां और व्यवस्था की जानी हैं. इसके लिए भी मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को मुख्यालय में उपस्थिति आवश्यक है. इन तमाम बिंदुओं से लोकसभा सचिवालय के उप सचिव को अवगत कराते हुए मुख्य सचिव ने अनुरोधपूर्वक कहा है कि गृह सचिव अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार सिंह 30 जनवरी को समिति के समक्ष उपस्थित होने से मुक्त किया जाये. फरवरी महीने में किसी भी दिन उपस्थित होने की तारीख देने का अनुरोध किया है. मुख्य सचिव ने पत्र में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा है कि देवघर के डीसी विशाल सागर और एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग 30 जनवरी को संसद भवन में विशेषाधिकार समिति के समक्ष अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे.