देवघर नगर निगम से पूछ रहे शहरवासी, क्या कचरे से होगा नववर्ष का स्वागत
पर्यटन को बढ़ावा देने व बाबा बैद्यनाथ की महत्ता बताने के लिए जलसार चिल्ड्रेन पार्क की दीवार पर बाबा मंदिर व शिवलिंग की पूजा करने की पेंटिंग बनायी गयी है. इन पेंटिंग के सामने भी कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है.
देवघर : कचरे के ढेर और बदबू के बीच क्रिसमस का उत्सव गुजरा तथा अब नये वर्ष का स्वागत भी शहरवासियों को इन्हीं के बीच करना होगा. कम से कम शहर की सड़कों पर पसरी गंदगी तो यही बयां कर रहे हैं. सफाई एजेंसी के कर्मियों द्वारा काम बंद कर दिये जाने के बाद शहर की स्थिति नारकीय हो गयी है. नगर निगम दो शिफ्ट में कचरा उठाने का दावा कर रहा है, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रहा है. शहरवासी नये साल की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन कचरे के ढेर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गये हैं. शहर के अधिकतर मुहल्ले में घर-घर कचरे का उठाव करीब एक सप्ताह से बंद है. वहीं सड़क के किनारे रखे कूड़ेदान से भी कचरा नहीं उठाया जा रहा है. इस कारण कूड़ेदान गंदगी से भरे पड़े हैं और इनका कचरा सड़क पर फैला हुआ है. वहीं आवारा पशु गंदगी के इधर-उधर फैला रहे हैं. इससे हर तरफ बदबू फैल रही है. विलियम्स टाउन में बीएड कॉलेज के पीछे इतनी गंदगी पसरी हुई है कि लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है. वहीं एयरपोर्ट जाने वाली सड़क में करनीबाग से कुंडा मोड़ तक सड़क किनारे कचरा फैला हुआ है, बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
शिव की पेंटिंग के सामने भी गंदगी के ढेर
पर्यटन को बढ़ावा देने व बाबा बैद्यनाथ की महत्ता बताने के लिए जलसार चिल्ड्रेन पार्क की दीवार पर बाबा मंदिर व शिवलिंग की पूजा करने की पेंटिंग बनायी गयी है. इन पेंटिंग के सामने भी कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है. इससे शिव भक्तों की आस्था को ठेस पहुंच रही है तथा आसपास के लोगों में निगम के प्रति नाराजगी है. दूसरी ओर निगम के कर्मी इधर से गुजरते हैं, लेकिन उनकी नजर इस पर नहीं पड़ रही है.
निगम के दावे के बाद भी गंदगी से निजात नहीं
नगर निगम के पास 350 से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं. वे सड़कों व नालियों की साफ-सफाई कर कूड़ा-कचरा सड़कों के किनारे एकत्रित कर देते हैं. वहीं करीब 200 मैन पावर के साथ काम करने वाली कार्य एजेंसी एमएसडब्ल्यूएम की जवाबदेही है कि वह कचरे का उठाव कर पछियारी कोठिया स्थित डंप यार्ड तक पहुंचाये. इस समय एजेंसी के कर्मियों ने काम बंद कर दिया है. इस पर निगम की ओर से कहा गया था कि निगम के कर्मी दो शिफ्ट में कचरे का उठाव करेंगे. इसके बाद भी लोगों को गंदगी से मुक्ति नहीं मिल रही है. ज्यादातर मुहल्लों में डोर टू डोर कचरा उठाव बंद है. मुहल्ले की गलियों में सप्ताह व महीना तो छाेड़ ही दीजिए, साल भर में एक-दो बार भी मुश्किल से झाड़ू लगाया जाता है.
निगम क्षेत्र से हर रोज 110 टन से ज्यादा निकलता है कचरा
नगर निगम के आंकड़ों पर गौर करें, तो निगम क्षेत्र के घरों, होटलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से हर रोज 110 टन से ज्यादा कचरा निकलता है. इनमें से हर रोज 60 से 80 फीसदी तक कचरे के उठाव का दावा किया जाता है. वहीं जमीनी हकीकत है कि वीवीआइपी घरों, क्वार्टरों में ही नियमित रूप से कचरे का उठाव किया जाता है. वहीं रोटेशन के आधार पर करीब 10 फीसदी आम घरों का कचरे का उठाव औसतन हर रोज होता है, जबकि शेष घरों को अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है.
इन मुहल्ले में नियमित नहीं हो रहा कचरे का उठाव
देवघर के कास्टर टाउन, बरमसिया, विलियम्स टाउन, परमेश्वर दयाल रोड़, रानी कोठी, साकेत विहार, सिविल लाइन, बेलाबगान, गुलाबबाग, संत फ्रांसिस स्कूल गली, कमल कोठी, बंपास टाउन, जैन मंदिर रोड, चरकी पहाड़ी, करनीबाग से कुड़ा मोड़ तक, छत्तीसी, बिलासी, अपर बिलासी, हनुमान नगर, शिवपुरी, सुभाष चौक, सब्जी मंडी के आसपास, बाजला चौक, हनुमान नगर, जसीडीह स्टेशन मोड़, कालीपुर, सीता होटल पथ, टावर चौक के आसपास के इलाकों में नियमित रूप से डोर टू डोर कूड़ा कचरे का उठाव नहीं हो रहा है. जबकि कार्य एजेंसी के द्वारा नियमित रूप से सर्विस चार्ज भी वसूल किया जाता है.
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