देवघर में बनेगा पुलिस प्रशासन का कमांड कंट्रोल सेंटर, आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
पुलिस प्रशासन की ओर से जल्द ही कमांड कंट्रोल सेंटर के निर्माण का काम शुरू किया जायेगा. पूरा सेंटर 30 हजार स्क्वायर फीट भू-भाग पर तैयार होगा. सेंटर में ड्रोन व कैमरों के एक्सपर्ट बैठेंगे. विभागीय विशेषज्ञ इसके लिए प्राक्कलन तैयार करने में जुटे हैं.
देवघर के आसमान में यदि आपको कोई बड़ा-सा ड्रोन दिख जाये, तो घबरायें नहीं. वह आपकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया पुलिस प्रशासन का अत्याधुनिक ड्रोन है. चार में से एक ड्रोन देवघर पहुंच भी गया है. इन ड्रोनों को कंट्रोल करने व शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगाये गये हाइ रेजोल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरों के को-ऑर्डिनेशन से बेहतर खुफिया व तकनीकी सूचनाएं एक कक्ष तक पहुंच सकेगी. यह ड्रोन आसमान में डेढ़ किलोमीटर यानी 15 हजार मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. भविष्य की इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पुलिस विभाग की ओर से कमांड कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए उत्पाद अधीक्षक कार्यालय के सामने खाली पड़ी विभाग की जमीन का सर्वे हो चुका है.
सेंटर में तैनात होंगे ड्रोन व सीसीटीवी के एक्सपर्ट
पुलिस प्रशासन की ओर से जल्द ही कमांड कंट्रोल सेंटर के निर्माण का काम शुरू किया जायेगा. पूरा सेंटर 30 हजार स्क्वायर फीट भू-भाग पर तैयार होगा. सेंटर में ड्रोन व कैमरों के एक्सपर्ट बैठेंगे. विभागीय विशेषज्ञ इसके लिए प्राक्कलन तैयार करने में जुटे हैं. जल्द ही इस पर काम चालू होना है. कमांड सेंटर के तैयार हो जाने से यहां से पुलिस विभाग के विशेषज्ञ ड्रोन को सहजता के साथ उड़ा सकेंगे, जो शहर में होने वाली किसी भी घटना का रियल टाइम सूचना मिलने पर उसमें संलिप्त लोगों का पीछा कर उनकी पहचान कराने में सहायक साबित हो सकेगा. इतना ही नहीं इसी कमांड सेंटर से विभागीय ड्रोन को उड़ाया जायेगा, जो सावन में हेड काउंट करने में सहायक होगा. साथ ही किसी भी तरह की आपराधिक वारदात को अंजाम देकर घटनास्थल से भाग रहे अपराधी का पीछा कर उसके वाहन का नंबर व उसकी पहचान भी हो सकेगी. इन ड्रोनों को आसमान में उड़ान भरने के लिए झारखंड स्पेस एप्लिकेशन केंद्र से अनुमति का इंतजार है. देवघर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने व अपराधियों पर नकेल कसने को लेकर पुलिस प्रशासन ने यह संकल्प लिया है.
वीवीआइपी के आगमन पर सुरक्षा को करेगी मजबूत
विभागीय जानकारी के अनुसार, देवघर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक ड्रोन आ चुका है तथा और तीन हाइ फ्रीक्वेंसी वाले ड्रोन मंगाये जाने हैं. ये ड्रोन वीवीआइपी के देवघर आगमन पर सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा. साथ ही श्रावणी मेला व महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा मंदिर से लेकर कांवरिया पथ व संपूर्ण मेला क्षेत्र में नजर रखने के लिए कारगर साबित होगा.
सुरक्षा के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा सीसीसी: एसपी
पुलिस अधीक्षक अजित पीटर डुंगडुंग ने बताया कि पुलिस विभाग की खाली पड़ी जमीन में से 30 हजार स्क्वायर फीट एरिया में कमांड कंट्रोल सेंटर का निर्माण होगा. इस सेंटर से विभाग के विशेषज्ञ ड्रोन को आसमान पर उड़ा सकेंगे व सुरक्षा के लिहाज से हर इलाके में लगे कैमरों से सूचनाएं ड्रोन के माध्यम से सीसीसी में पहुंचेंगी. चुंकि देवघर तीर्थनगरी भी है और यहां वीवीआइपी के आगमन व श्रावण मेला के दौरान सभी चीजों पर नजर रखने में सशक्त सिस्टम साबित हो सकेगा. फिलहाल उड़ान भरने के लिए जेएसएएस की प्रकिया से गुजरना है.
कमांड सेंटर क्या है
कमांड सेंटर अपने उपकरणों को निर्देश भेजने के लिए एक नियंत्रण कक्ष है. एक कमांड और कंट्रोल सेंटर एक सुविधा में एक सुरक्षित कमरा है, जो किसी स्थिति की केंद्रीकृत निगरानी, नियंत्रण और कमांड प्रदान करता है. यह कमांड और नियंत्रण केंद्र परिभाषा छोटे शहरों के लिए काम करती है, जिन्हें स्थानीय मेले में एक मोबाइल यूनिट में शामिल लोगों को साथ रखने की आवश्यकता होती है, जैसा कि सुरक्षा केंद्रों में होता है.
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