कांग्रेस की नजर अब लोगों की कमाई और संपत्ति पर : भाजपा
कांग्रेस और उसके गठबंधन की नजर अब लोगाें की कमाई तथा संपत्ति पर है. उक्त बातें देवघर विधायक नारायण दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं. विधायक ने यह भी कहा कि कांग्रेस इंडी गठबंधन आपकी संपत्ति पर अपना पंजा मारना चाहती है.
देवघर. कांग्रेस और उसके गठबंधन की नजर अब लोगाें की कमाई तथा संपत्ति पर है. उक्त बातें देवघर विधायक नारायण दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं. विधायक ने कहा कि कांग्रेस इंडी गठबंधन आपकी संपत्ति पर अपना पंजा मारना चाहती है. कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुसार किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, किसके पास कितना धन व मकान है कांग्रेस सरकार इसकी जांच करायेगी, जांच के बाद संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में लेकर सभी में बांट देगी. हमारी माता-बहनों के पास सोने के आभूषण होते हैं, वह पवित्र माना जाता है. कानून भी उसकी सुरक्षा करता है.अब कांग्रेस की नजर इस पर भी है. माता-बहनों के सोने के मंगलसूत्र भी अब सलामत नहीं रहेंगे. जनता का धन व देश का धन लूटना कांग्रेस अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है. नौकरी पेशा वाले लोगों ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए जो एफडी करवाई है, कांग्रेस वाले उसकी भी जांच करने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस इसका सर्वे करवायेगी व सरकार के नाम पर कब्जा करेगी. यह आपकी संपत्ति को छीन कर बांटने की बात कर रही है. विधायक श्री दास ने कहा कि अगर गांव में पैतृक घर है तो यह लोग उसे दो घर की बात कर छीन लेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही ही कहा है कि कांग्रेस की नीति और उनके घोषणा पत्र का हिडन एजेंडा है. इस घोषणा पत्र में स्पष्ट है कि कांग्रेस जातियां और उपजातियां तथा उनकी सामाजिक व आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना आयोजित करेगी. आंकड़ों के आधार पर सकारात्मक कार्रवाई के एजेंट को मजबूत किया जायेगा. कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी रिजर्वेशन की 50% की सीमा को खत्म किया जायेगा और इसे बढ़ाया जायेगा. कांग्रेस आरक्षण में तुष्टीकरण करना चाहती है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखा है कि कांग्रेस नीतियों में प्रयुक्त बदलाव करके धन और आय के मामलों में बढ़ोतरी असमानता का समाधान करेगी. इस मौके पर जिला अध्यक्ष सचिन रवानी, महामंत्री अधीर चंद्र भैया, पंकज सिंह भदोरिया, जिला प्रवक्ता सचिन सुल्तानियां, धनंजय खवाड़े व अजीत सिंह थे.
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