Deoghar News: देवघर में बिजली विभाग लोगों से समय पर बिजली बिल चुकाने की तो बातें करता है, मगर बिल जेनरेट करने में विभाग ही गंभीरता नहीं दिखा रहा है. देवघर-जसीडीह के अधिकतर इलाकों में उपभोक्ताओं का बिजली बिल जेनरेट नहीं होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. उपभोक्ता अपने घर, प्रतिष्ठान व व्यवसायिक फर्म के बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. दो-तीन माह से शहर के अधिकतर इलाकों के उपभोक्ताओं को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. अब तो उन्हें एकमुश्त भारी-भरकम बिल भरने की चिंता सताने लगी है. ऐसे में बिजली विभाग की गलती का खामियाजा यहां के उपभोक्ता भुगत रहे हैं.
100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम से वंचित होने का सता रहा खतरा
घरेलू उपभोक्ताओं को झारखंड सरकार द्वारा 100 यूनिट मुफ्त बिजली की स्कीम से वंचित होने का खतरा सता रहा है. समय पर बिल तैयार नहीं होने के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. उपभोक्ताओं को न केवल भारी भरकम बिल चुकाने बल्कि एकमुश्त रेंटल चार्ज भी एकमुश्त ही जुड़ना है. इस परिस्थिति में घरेलू उपभोक्ता उक्त योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं.
5000 से ज्यादा बिल हुआ तो डिस्कनेक्शन की चिंता
दो-तीन माह से बिल नहीं आने की सूरत में कई सारे उपभोक्ताओं का बिल एक बार में पांच हजार रुपये के पार भी जा सकता है. आम तौर पर बिजली विभाग 5,000 रुपये से अधिक का बिल बकाया होने की स्थिति में कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर देता है. कुछ उपभोक्ताओं का बिल बकाया होने और नया बिल आने के बाद कुल राशि निर्धारित मापदंड से ज्यादा हुआ तो फिर डिस्कनेक्शन न हो जाये. साथ ही बिल यदि अधिक हो गया तो उसके भुगतान की भी चिंता लोगों को सता रही है.
ऊर्जा मित्रों को भुगतान न होने के बाद से शुरू हुई समस्या
समस्या की असली वजह उर्जा मित्रों को विभागीय बिलिंग एजेंसी द्वारा ससमय भुगतान नहीं करने के बाद से शुरू हुआ है. बिलिंग एजेंसी इएमडी इइ डिजिट्राेनिक्स प्रा.लि. के द्वारा ऊर्जा मित्रों को लंबे समय तक मानदेय नहीं देने के बाद से शुरू हुई यह समस्या आज भी बरकरार है. विभागीय आश्वासन के बाद ऊर्जा मित्रों ने काम शुरू भी किया तो 72 ऊर्जा मित्रों में से 40-45 उर्जा मित्र ही काम पर लौटे. इस कारण वैकल्पिक व्यवस्था में देरी होने पर शहर के बहुत सारे इलाकों में बिल निकालना एक बड़ी समस्या बन गयी.
नया टैरिफ लागू किये जाने को लेकर बिल निकालने पर लगी थी रोक
इधर, विभागीय जानकारी के अनुसार झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से पूरे झारखंड राज्य में बिजली का नया टैरिफ लागू किया जाना था, जिसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव होना था. उस वजह से उपभोक्ताओं के बिल पर जून माह के आखिरी सप्ताह से बिल निकालने पर रोक लगी थी. अब चूंकि नया सॉफ्टवेयर आ गया है, जिसमें नये टैरिफ का स्ट्रक्चर भी शामिल है तो 10 जुलाई के बाद से शहर के विलियम्स टाउन, बीएम कॉलेज, सलोनाटांड़, बरमसिया सहित आधा दर्जन मुहल्लों में बिल निकालने का काम शुरू हो गया है. श्रावणी मेला के साथ लोगों की समस्या को देखते हुए विभाग 20 जुलाई तक शहर के अधिकतर मुहल्लों में बिल निकालने को लेकर प्रयासरत है.
केस स्टडी-एक
चरकीपहाड़ी इलाके में रहने वाली महिला उपभोक्ता (एमपीडीडीएस08054) के घरवालों ने बताया कि उनके घर का तीन-चार माह से बिल नहीं निकल रहा है. इस वजह से वो सरकार की 100 फ्री यूनिट के लाभ से वंचित हो ही रहे हैं. बिल यदि अधिक हो गया तो डिस्कनेक्शन का भी खतरा सता रहा है. इस स्थिति में विभाग जल्द से जल्द बिल निकाल कर दे.
केस स्टडी-दो
रामपुर इलाके के रहने वाले आनंद कुमार(एमपीडीएस004191) ने बताया कि दो माह से अधिक समय से बिल नहीं निकल रहा है. 100 यूनिट फ्री बिजली के लाभ से वंचित होने के साथ-साथ नये टैरिफ के अनुसार एकमुश्त बिल आने की चिंता सता रही है. बिल बड़ा हुआ तो समय पर भुगतान करने में भी परेशानी होगी.
क्या कहते हैं एई
जेबीएनएल की अोर से नया टैरिफ आना था. इसके लिए साफ्टवेयर में भी बदलाव होना था. इसके लिए बिल निकालने पर रोक लगाया था. नया सॉफ्टवेयर आ गया है, 10 जुलाई से शहर के आधा दर्जन मुहल्लों में बिल भी निकाला जा रहा है. 20 जुलाई तक शहर के अधिकांश मुहल्लों के उपभोक्ताओं का बिल निकालने का लक्ष्य है. इसके बाद सभी की समस्या दूर हो जायेगी – लव कुमार, एई, विद्युत अवर प्रमंडल, देवघर