संवाददाता, देवघर : देवघर-बासुकिनाथ फोरलेन में बसडीहा गांव के पास निर्माणाधीन ब्रिज के अधिकतर छड़ में जंग लग चुकी है. अब इस जंग को छुपाने के लिए सीमेंट का घोल चढ़ाया जा रहा है. फोरलेन में बसडीहा तालाब के पास ब्रिज का निर्माण चल रहा है. कंस्ट्रक्शन कंपनी ने करीब एक वर्ष पहले ब्रिज का फाउंडेशन कर छड़ का स्ट्रक्चर लगा दिया गया था. इस दौरान पानी में डूबने से अधिकतर छड़ों में जंग लग गयी है. इसकी सूचना मिलने पर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीआर पांडेय ने कंस्ट्रक्शन को इसमें सुधार करने का निर्देश दिया है. प्रोजेक्ट डायरेक्टर इस मामले में अभियंता से पूरी रिपोर्ट ली, उसके बाद निर्देश दिया गया कि अगर छड़ में पानी से रस्ट हो गया है तो उसे हटा देना है, ऐसा अगर नहीं पाया गया, तो सीमेंट के घोल से छड़ को पेंट कर देना है. डायरेक्टर के निर्देश पर छड़ में सीमेंट का घोल चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया है. पानी में छड़ लगाकर लंबे समय तक छोड़ दिये जाने पर विभाग ने नाराजगी भी प्रकट की है. लंबे समय तक ब्रिज का काम भी बंद रहने पर विभाग ने नाराजगी प्रकट करते हुए कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है.
एप्रोच रोड सही नहीं, हिचकोले खा रही गाड़ियांदेवघर-बासुकिनाथ फोरलेन में कई जगहों पर एप्रोच रोड सही ढंग से नहीं बनाये जाने के कारण इन दिनों स्कूली गाड़ियां व एंबुलेंस हिचकोले खा रही है. तीरनगर व खरगडीहा के बीच एप्रोच रोड में पत्थर निकल आये हैं, जिससे वाहन चलाने में लोगों को परेशानी हो रही है. खराब एप्रोच रोड रहने की वजह से कई बार जाम की स्थिति भी बन रही है. एप्रोच रोड में नियमित पानी नहीं डालने से धूल से भी लोगों को परेशानी हो रही है. मालूम हो कि 45 किलोमीटर लंबे देवघर-बासुकीनाथ फोरलेन के निर्माण पर 999 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में 400 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किये जा रहे हैं. इस मार्ग में फोरलेन के साथ-साथ कांवरियों के लिए पैदल पथ भी बनेगा. कांवरियों की सुविधा के लिए फोरलेन के समानांतर देवघर से बासुकीनाथ के बीच 35 किमी का कांवरिया पथ का भी निर्माण कराया जायेगा.
………………….बसडीहा गांव के पास निर्माणाधीन ब्रिज तालाब के पास बन रहा है. तालाब में नियमित पानी रहने से काम में परेशानी हुई है. पानी से ब्रिज के छड़ में जंग तो लगी है, लेकिन छड़ नष्ट नहीं हुआ है. जांच करायी गयी है. सीमेंट का घोल लगाकर छड़ को जंग को नष्ट कर इस्तेमाल किया जायेगा. सीमेंट का घोल लगाने का प्रोविजन भी है. गुणवत्ता के साथ काम करने का निर्देश कंपनी को दिया गया है.
– पीआर पांडेय, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ, देवघर
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