राजकीय श्रावणी मेला, 2023 के आखिरी सोमवारी को बोल बम और हर हर महादेव से नारों से बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर गुंजायमान हो गयी. श्रद्धालुओं के रंग से बाबा मंदिर परिसर सराबोर हो गया. आखिरी सोमवारी पर अहले सुबह, 03:57 मिनट से अर्घा के माध्यम से जलार्पण शुरू हो गया. इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को लेकर उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर रुटलाइन के अलावा अहले सुबह से बाबा मंदिर प्रांगण में उपस्थित हैं. साथ ही बीएड कॉलेज से होकर कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालु सुरक्षित व सुलभ जलार्पण कर रहे है.
इसके अलावा श्रावण मास के आखिरी सोमवारी को लेकर बाबा नगरी आने वाले लाखों की संख्या में देवतुल्य श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाओं को पहले से ही सुदृढ़ कर लिया गया है, ताकि बाबा नगरी आने वाले किसी भी श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो. इसी कड़ी में सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, कचड़ा उठाव, स्वास्थ्य सुविधा, सूचना सह सहायता केंद्र पूरी तरह से एक्टिव होकर कार्य कर रहे हैं.
सरकारी पूजा के बाद अहले सुबह 03 बजकर 57 मिनट से श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण शुरू किया.
सम्पूर्ण रूट लाइन के साथ-साथ सभी होल्डिंग प्वॉइंट व महत्वपूर्ण स्थलों पर सुरक्षा बल एवं दंडाधिकारी उपस्थित हैं.
कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा बैद्यनाथ का सुलभ व सुरक्षित जलार्पण कर रहे हैं.
सीसीटीवी के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र पर रखी जा रही है.
स्वास्थ्य शिविर, ओपी पूर्ण रूप से एक्टिव मोड में कार्यरत हैं.
शिवगंगा में एनडीआरएफ की टीम उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रख रही है.
सूचना सहायता कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित हैं, श्रद्धालुओं को आवश्यक सहयोग कर रहे हैं.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा को लेकर डीसी लगातार मंदिर प्रांगण व रुटलाइन का निरीक्षण कर रहे हैं.
सोमवारी को जलार्पण को लेकर रात्रि पहर में ही श्रद्धालुओं की कतार नंदन पहाड़ पहुंच गई.
बाबा व मां पार्वती की आरती के साथ पूरी होती है आराधना
सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल अर्पण करने का खास महत्व है. मान्यता है कि इस महीने में बाबा को गंगाजल व बेलपत्र चढ़ाने से बाबा अपने भक्त की मनोवांछित फल की कामना को पूर्ण करते हैं. शिव पुराण में इस बात की चर्चा है. बाबा भोलेनाथ द्वारा हलाहल विष ग्रहण करने के कारण ही इनका नाम नीलकंठ पड़ा है और सावन के महीने में उनके मस्तक पर गंगाजल के अर्पण से विष की जलन से बाबा को राहत महसूस होती है. इसके कारण भी बाबा अपने भक्तों के प्रति सहज ही उपलब्ध हो जाते हैं. बाबा मंदिर में पूजा व जलार्पण करने के बाद भक्त मंदिर परिसर में बाबा व मां पार्वती की आरती कर अनुष्ठान को पूरा करते हैं. आरती करने का अर्थ अपने इष्ट देव के चरणों में अपनेआप को समर्पित करना है.
सेवा भाव व शालीनता से पेश आयें पुलिसकर्मी
डीसी ने सोमवार व मंगलवार को बाबा नगरी में जलार्पण करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के इंतजामों के अलावा सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, अग्निशमन की टीम को आपसी समन्वय के साथ एक्टिव रहने का निर्देश दिया. मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, केंद्रीय बल एवं पुलिस बल के जवानों को निर्देश दिया कि देवघर आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा-भाव व शालीनता से पेश आयें. संपूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सभी सीसीटीवी कैमरा व आइएमसीआर कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव रखें. बैठक में डीडीसी डॉ ताराचंद, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी राजीव कुमार, जिला अग्निशमन पदाधिकारी गोपाल यादव, सीआरपीएफ व एनडीआरएफ के कमांडेंट एवं संबंधित विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.
एक-दूसरे से संपर्क में रहें पदाधिकारी: डीसी
दो माह तक चले श्रावणी मेले की आज अंतिम सोमवारी है. बाबा मंदिर के सभी अधिकारियों को डीसी विशाल सागर ने पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है. डीसी के निर्देश पर मंदिर प्रभारी दीपांकर चौधरी ने सोमवारी को लेकर मंदिर की तैयारियों का फीडबैक भी लिया है. मंदिर प्रभारी ने सभी कर्मियों को निर्देश दिया है कि बीते सोमवारी की तरह अलर्ट रहना है. रविवार की रात को ही बिजली, पानी एसी सहित अन्य तैयारियों को लेकर पूरी तरह से चेक करने के बाद सोमवार को जलार्पण बंद होने तक सभी लोग अपने-अपने जगहों पर तैनात रहेंगे. फोन व वाॅकी टॉकी पर एक दूसरे से टच में रहेंगे. किसी तरह की कोताही नहीं हो, इसका ध्यान रखना है.
वहीं बाबा मंदिर ड्यूटी स्थल पर तैनात अधिकारियों व पुलिस बल के अलावा भक्तों के लिए पेयजल की पूरी व्यवस्था हो, इसका ख्याल रखना है. वहीं बाबा मंदिर परिसर में चोर-पॉकेटमार पर नजर रखने के लिए सिविल ड्रेस में पुलिस के साथ दंडाधिकारियों को भी नजर बनाये रखना है. खासकर पार्वती मंदिर व बाह्य अरघा के आसपास नजर रखने के लिए कहा है. वहीं मंदिर परिसर में अधिक भीड़ जमा नहीं हो, इसके लिए प्रचार-प्रसार करते रहने का निर्देश दिया गया है.
Also Read: श्रावणी मेला : बाबा बैद्यनाथ धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब, कांवरियों के साथ झूमकर नाचे पुलिस जवान