संथाल परगना के छात्रों को CUET परीक्षा में शामिल होना बना चुनौती, जानें क्या है कारण
विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले के लिए शुरू किये गये कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट युवाओं के लिए बड़ा सिरदर्द बनने जा रहा है. कॉलेजों में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का अपनाया जा रहा फंडा छात्रों को रास नहीं आ रहा है.
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के अधीनस्थ कॉलेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिले के लिए नये शैक्षणिक सत्र 23 से सीयूइटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) से गुजरना होगा. एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा 21 मई से दो जून और पांच व छह जून को आयोजित होनेवाली इस परीक्षा में शामिल होने के लिए संथाल परगना प्रमंडल के विभिन्न जिले के छात्रों को निर्धारित केंद्र भुवनेश्वर (ओड़िसा) जाना होगा. एक अनुमान के मुताबिक, 10 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए सीयूइटी परीक्षा में शामिल होंगे. अब यहां के छात्रों के समक्ष बड़ी चुनौती आवागमन सहित वहां रहने की होगी.
छात्र अगर किसी प्रकार चले भी गये, तो छात्राओं को अपने माता-पिता अथवा अभिभावक के साथ ही जाना होगा. ऊपर से टेस्ट परीक्षा के लिए उन्हें कम से कम तीन से पांच दिन रुकना होगा. विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले के लिए शुरू किये गये कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट युवाओं के लिए बड़ा सिरदर्द बनने जा रहा है. कॉलेजों में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का अपनाया जा रहा फंडा छात्रों को रास नहीं आ रहा है.
छात्र राजेश कुमार ने बताया कि वह देवघर का रहनेवाला है और स्नातक में नामांकन के लिए सीयूटीइ फॉर्म भरा है. लेकिन, सेंटर भुवनेश्वर दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि उसे दोस्त किशोर, कन्हैया, गौतम का भी सेंटर भुवनेश्वर में दे दिया गया है. ऐसे में हम छात्रों के समक्ष देवघर से भुवनेश्वर जाना-आना काफी मुश्किल भरा काम है. ऊपर से कुछ दिन तक वहां रुकना भी पड़ेगा. यह व्यवस्था छात्रों को शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से पीड़ा पहुंचाने के लिए काफी है.
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सीयूइटी के नाम पर छात्रों व अभिभावकों का हो रहा शोषण
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व सचिव विश्वराज सिंह ने कहा कि 12वीं व स्नातक में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को स्नातक व स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए सीयूइटी देना होगा. परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरने में मोटी रकम भी चुकानी पड़ी. अबतक जीतने रुपयों में छात्र-छात्राओं का नामांकन हो जाया करता था, आज छात्रों को सिर्फ सीयूइटी के लिए अप्लाई में खर्च करना पड़ता है. अब समस्या यह है कि कुछ छात्र-छात्राओं का प्रवेश पत्र आ गया है, जिनमें परीक्षा केंद्र दूसरे राज्य दे दिया गया है. इससे छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावक को भी काफी परेशानी हो रही है. कई छात्र-छात्राएं इसके कारण पढ़ाई छोड़ने तक की बात कर रहे हैं.