Deoghar news : फरसा मारकर जख्मी करने के केस में चार दोषियों को सुनायी गयी सश्रम सजा, जुर्माना भी लगाया
एडीजे तीन सह स्पेशल कोर्ट से फरसा मारकर जख्मी करने के फैसले में आठ साल बाद फैसला आया है. एक दोषी को 10 साल व तीन दोषियों को सात-सात साल की सश्रम सुनायी गयी है.
विधि संवाददाता, देवघर . एडीजे तीन सह स्पेशल कोर्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई के बाद सोमवार को फैसला सुनाया गया. इस मामले में चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया, जिसके बाद एक अभियुक्त अमरनाथ झा को 10 वर्ष की सश्रम सजा और तीन अभियुक्त मोहन झा, चंद्रकांत झा व प्रीति देवी को सात-सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. प्रत्येक दोषियों को पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अमरनाथ झा को अलग से दो साल की कैद व अन्य तीनों को एक-एक साल की कैद की सजा अलग से काटनी होगी. यह राशि जख्मी आशीष को देय होगी. सभी सजायाफ्ता सारवां थाना के नारंगी (राउतडीह ) गांव के रहने वाले हैं. एक अभियुक्त मोहन झा की उम्र 72 वर्ष है. यह मुकदमा अशोक कुमार झा के बयान पर 15 सितंबर 2016 को सारवां थाना में दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक अजय कुमार साह ने घटना के समर्थन में 10 लोगों की गवाही दिलायी व दोष सिद्ध करने में सफल रहा. बचाव पक्ष से अधिवक्ता संजय कुमार निराला ने पक्ष रखा, लेकिन दोषमुक्त कराने में विफल रहे.आरोपियों ने फरसा से गर्दन पर किया था वार
दर्ज मुकदमा के अनुसार सारवां थाना के नारंगी राउतडीह गांव में 15 सितंबर को यह घटना घटी थी. सूचक अशोक कुमार झा का पुत्र आशीष झा नदी की ओर जा रहा था. रास्ते में चारों आरोपियों ने उसे हरवे हथियार से लैश होकर घेर लिया व जान मारने की नीयत से फरसा से आशीष झा की गर्दन पर फरसा से वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. घटना का कारण बच्चे-बच्चे में विवाद होना था, जिसके कारण घटना को अंजाम दिया था. इलाज के दौरान जख्मी के गर्दन पर अस्पताल में 52 टांका लगा था, लेकिन उसकी जान बच गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है