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मधुपुर में किराये के मकान में रहकर करते थे साइबर ठगी, प्रतिबिंब एप के जरिये पुलिस ने दबोचा

गांवों व जगलों में पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी को देखते हुए पुलिस से बचने के लिए अब साइबर अपराधी शहरी क्षेत्र में शरण ले रहे हैं तथा किराये के कमरे में रहकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसका खुलासा रविवार को पकड़े गये साइबर आरोपियों ने किया है.

वरीय संवाददाता,देवघर

: गांवों व जगलों में पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी को देखते हुए पुलिस से बचने के लिए अब साइबर अपराधी शहरी क्षेत्र में शरण ले रहे हैं तथा किराये के कमरे में रहकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसका खुलासा रविवार को पकड़े गये साइबर आरोपियों ने किया है. साइबर थाने की पुलिस ने मधुपुर थाना क्षेत्र के बेलपाड़ा सहित पालोजोरी थाना क्षेत्र के अंगबाली, खागा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर व पथरड्डा ओपी क्षेत्र के करहैया गांव में छापेमारी अभियान चलाकर नौ साइबर आरोपितों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपितों के पास से 17 मोबाइल फोन सहित 23 सिम कार्ड जब्त किया है. इन फोन व सिम कार्ड को खंगालने पर विभिन्न राज्यों में हुए 80 साइबर क्राइम के लिंक मिले हैं, जिसकी जांच करायी जा रही है. गिरफ्तार आरोपितों में मधुपुर थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव निवासी संतोष कुमार दास सहित पाथरौल थाना क्षेत्र के बड़ा संघरा गांव निवासी पंकज कुमार दास, रेवती शरण दास, पालोजोरी थाना क्षेत्र के अंगबाली गांव निवासी सोहराब अंसारी, दिलीप गोस्वामी, सारवां थाना क्षेत्र के दौंदिया गांव निवासी बदरुद्दीन अंसारी, खागा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव निवासी अफजल अंसारी उर्फ गुड्डू, सारठ के पथरड्डा ओपी क्षेत्र के करहैया गांव निवासी शेखर कुमार भारती व दीपू कुमार दास शामिल हैं. उपरोक्त जानकारी देते हुए पुलिस मीडिया सेल द्वारा कहा गया कि पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने अपराध में संलिप्तता स्वीकार कर ली है. आरोपितों ने बताया कि वे एयरटेल पेमेंट बैंक का अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को कॉल कर झांसे में लेते हैं और एयरटेल पेमेंट बैंक कार्ड बंद होने व चालू कराने का झांसा देकर डिटेल्स लेने के बाद खाते से रुपये उड़ा लेते हैं. इसके अलावा एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट जैसे मोबाइल स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराकर बैंक डिटेल्स प्राप्त करने के बाद ठगी करते थे. साथ ही फोन-पे व पेटीएम का फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को कैश बैक का झांसा देकर फोन-पे गिफ्ट कार्ड क्रियेट कराकर डिटेल्स प्राप्त करने के बाद ठगी करते थे. इसके अलावा विभिन्न बैंकों के अधिकारी व क्रेडिट कार्ड कंपनी के फर्जी पदाधिकारी बनकर ठगी का शिकार बनाते थे. गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश कराया व कोर्ट के निर्देश पर जेल भेज दिया.किराये के

मकान में रहते थे तीन आरोपित, मिले छह मोबाइल

जानकारी के मुताबिक, तीन आरोपित मधुपुर शहर स्थित किराये के मकान में छिपकर रहते थे और वहीं से साइबर ठगी को अंजाम देते थे. प्रतिबिंब एप से मिले टारगेट नंबर पर छापेमारी की गयी, तो उन आरोपितों ने अपने-अपने मोबाइल छिपा दिये. छापेमारी टीम की पुलिस उनलोगों के साथ कड़ाई से पेश आयी, तब आरोपितों ने छह मोबाइल निकाल कर दिया. उनलोगों के मोबाइल खंगालने पर क्राइम लिंक मिले. उसी आधार पर पुलिस तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर ले आयी.

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