Cyber Crime: सावधान! पलक झपकते बैंक अकाउंट खाली, इस नयी तकनीक से PM Kisan Yojana के नाम पर कर रहे ठगी

Cyber Crime: साइबर ठग मोबाइल में सेंध लगा रहे हैं. उनके निशाने पर सगे-संबंधी भी हैं. नयी-नयी तरकीब खोजकर साइबर अपराधी लोगों को झांसे में लेने का प्रयास कर रहे हैं. पीएम किसान का एपीके फाइल ह्वाट्सएप पर भेजकर मोबाइल हैक करते हैं. उसके कांटेक्ट्स को उसी का हवाला देकर कॉल कर झांसे में किया जाता है.

By Guru Swarup Mishra | February 8, 2025 5:35 AM
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Cyber Crime: देवघर, आशीष कुंदन-साइबर अपराधी इतने शातिर हो गये हैं कि वे हर रोज नये-नये तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. अगर मोबाइलधारक सतर्क नहीं रहा, तो पलक झपकते ही उनके एकाउंट को खाली कर देते हैं. साइबर ठग इन दिनों तकनीक का सहारा लेकर किसी का भी मोबाइल हैक कर लेते हैं और उनके कॉन्टैक्ट लिस्ट में दर्ज दोस्तों व सगे-संबंधियों को फोन कर झांसे में लेने के बाद साइबर ठगी कर रहे हैं. इतना ही नहीं उस मोबाइल से जुड़े सोशल साइट वाट्सअप, इंस्टाग्राम व फेसबुक हैक कर फोन के सारे डाटा उड़ा ले रहे हैं. इन डाटा का उपयोग साइबर ठगी के लिए कर रहे हैं.

एपीके फाइल भेज मोबाइल में लगा रहे सेंध


साइबर ठग मोबाइल यूजर्स के व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते हैं, जिसमें पीएम किसान योजना के नाम पर एक एपीएम (एंड्रॉयड एप्लीकेशन कीट) फाइल का लिंक होता है. ठगों के झांसे में आकर लोग जैसे ही एपीके फाइल को डाउनलोड करते हैं, तो ठग पूरा मोबाइल का एक्सेस पा जाते हैं और सभी निजी जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, ओटीपी आदि लेकर एकाउंट खाली कर देते हैं. इतना ही नहीं ठग अब उपभोक्ता के मोबाइल के सारे कांटेक्ट भी खंगाल रहे हैं. इसमें वे यूजर के संबंधियों की पहचान करते हैं और उन सभी को कॉल कर झांसे में लेकर ठगी का प्रयास करते हैं. इस क्रम में जो भी साइबर अपराधियों के झांसे में आकर महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर कर देते हैं, उने एकाउंट को तुरंत खाली कर देते हैं.

पीएम किसान योजना के नाम पर ठगी


केस स्टडी-1 : इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में काम करने वाले नगर थानांतर्गत करनीबाग इलाके में रहने वाले एक युवक के वाट्सअप पर 18 जनवरी को अज्ञात मोबाइल धारक ने पीएम किसान योजना के नाम का एक एपीके फाइल भेजा. प्रलोभन में फंसकर उसने उक्त फर्जी एपीके फाइल को डाउनलोड कर दिया. इसके बाद 24 घंटे के लिए उसका व्हाट्सएप हैक हो गया और आरोपित उसी के नंबर का क्लोन का दूसरा व्हाट्सएप अपने मोबाइल में चलाने लगा. युवक जितने ग्रुप से जुड़ा था, सभी में वह उक्त पीएम किसान नाम के फर्जी एपीके फाइल भेजने लगा. ऐसे में उसके कई रिश्तेदारों का भी मोबाइल हैक हो गया. पीड़ित को कॉल आना शुरु हुआ, तो वह समझ गया कि साइबर आरोपितों की यह करतूत है. हालांकि वह ठगी का शिकार होने से बच गया और अपने सारे संपर्क नंबरों को कॉल कर असलियत की जानकारी देने लगा.

ऐसे भरोसे में लेकर कर रहे ठगी


केस स्टडी-2: 28 जनवरी को उसी करनीबाग के युवक के एक परिचित नगर थाना क्षेत्र के कास्टर टाउन इलाके के रहने वाले दूसरे युवक को अज्ञात मोबाइल धारक ने कॉल कर झारखंड सरकार के एक विभाग में काम करने वाले उसके परिजन का नंबर मांगने लगा. अज्ञात मोबाइल धारक ने बातचीत के क्रम में उसके ग्रामीण इलाके के मुखिया का नाम लिया. वहीं उसके जिस परिजन का नंबर मांग रहा था उसके स्वर्गीय पिता के बारे में भी जानकारी देने लगा, ताकि उसकी बातों पर भरोसा कर नंबर बता दें और वह ठगी कर सके. दोनों के बीच तीन बार बातचीत हुई. सारे कॉल उसने रिकॉर्ड कर लिये. हालांकि ठग के झांसे में वह नहीं आया और उससे बातचीत खत्म कर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया.

गाली-गलौज भी करते हैं साइबर ठग


केस स्टडी-3: 28 जनवरी को ही फिर से उसी करनीबाग के युवक के दूसरे परिचित को भी अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाला उसके ग्रामीण इलाके के मुखिया का नाम लेते हुए बातचीत शुरू ही की थी कि उसने रिस्पांस देने के बजाय अज्ञात मोबाइल धारक को झिड़क दिया. इसके बाद अज्ञात मोबाइल धारक गाली-गलौज करने लगा, तो फोन काट दिया. दोबारा उसने कॉल किया, तो उसने डिस्कनेक्ट कर तुरंत अज्ञात मोबाइल धाकर का नंबर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद अज्ञात मोबाइल धारक ने दूसरे नंबर से इस पीड़ित के वाट्सअप में मैसेज शुरू किया. इसके बाद उसे ब्लॉक करना पड़ा.

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