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झारखंड : साइबर अपराधियों ने निकाला नया जरिया, फोन-पे व पेटीएम के फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर करते थे ठगी

साइबर अपराधी एनी डेस्क व क्विक सपोर्ट जैसे मोबाइल स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराकर लोगों के खाते से उड़ाते थे रुपये. इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को दबोचा है.

By Kunal Kishore | March 29, 2024 2:57 AM

देवघर : साइबर थाने की पुलिस ने मधुपुर थाना क्षेत्र के महुआडाबर सहित जसीडीह थाना क्षेत्र के मथुरापुर, देवीपुर थाना क्षेत्र के बेलटिकारी, मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के मुरलीपहाड़ी, पथरड्डा ओपी क्षेत्र के बस्की, बलवा व बरदेही गांव में छापेमारी अभियान चलाकर 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपितों के पास से 13 मोबाइल फोन सहित 17 सिम कार्ड, दो एटीएम कार्ड व एक अपाची बाइक जब्त की है. इन फोन व सिम कार्ड को खंगालने पर विभिन्न राज्यों में हुए 40 साइबर क्राइम के लिंक मिले हैं, जिसकी जांच करायी जा रही है. गिरफ्तार आरोपितों में मधुपुर थाना क्षेत्र के महुआडाबर गांव निवासी उदय शंकर दास सहित मधुपुर के ही नेमुआबाद गांव निवासी अलताफ हुसैन, लखनुवा गांव निवासी अनुप दास, देवीपुर थाना क्षेत्र के बेलटिकरी गांव निवासी विनोद कुमार दास, जसीडीह थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव निवासी तुलो दास, तुलसी दास, राजीव कुमार दास, मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के तरणटांड़ टोला निवासी मुबारक अंसारी, सारवां थाना क्षेत्र के दासडीह गांव निवासी संतोष दास, सारठ के पथरड्डा ओपी क्षेत्र के बलवा गांव निवासी बसंत कुमार दास व पाथरौल थाना क्षेत्र के गोविंदपुर टोला लकरा निवासी नवीन कुमार दास शामिल हैं.

एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करवा कर करते थे ठगी

पुलिस मीडिया सेल के मुताबिक, पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने अपराध में संलिप्तता स्वीकार कर ली है. आरोपितों ने बताया कि वे एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट जैसे मोबाइल स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड कराकर बैंक डिटेल्स प्राप्त करने के बाद ठगी करते थे. साथ ही फोन-पे व पेटीएम का फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को कैश बैक का झांसा देकर फोन-पे गिफ्ट कार्ड क्रियेट कराकर डिटेल्स प्राप्त करने के बाद ठगी करते थे. इसके अलावा विभिन्न बैंकों के अधिकारी व क्रेडिट कार्ड कंपनी के फर्जी पदाधिकारी बनकर ठगी का शिकार बनाते थे. गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश कराया व कोर्ट के निर्देश पर जेल भेज दिया.

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